ATGAS Features: भारत सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 307 एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) खरीदने की मंजूरी दे दी है. रक्षा क्षेत्र में ये भारत के बढ़ते हुए कदम हैं, जो आत्मनिर्भरता को भी दर्शाते हैं. ये ATGAS पुरानी 105 मिमी और 130 मिमी तोपों की जगह लेंगी. इस सौदे की अनुमानित लागत 7,000 करोड़ रुपये की हो सकती है. सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में भारत के प्रयासों में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.
चीन-पाक को मिलेगी चुनौती
यह तोपें DRDO के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट द्वारा विकसित की गई हैं. इनका उत्पादन प्राइवेट कंपनियां भारत फोर्ज (Bharat Forge) और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (Tata Advanced Systems) करेंगी. भारत की पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर ATAGS की तैनाती से पाकिस्तान और चीन जैसे विरोधियों के खिलाफ रणनीतिक बढ़त मिल सकती है. ये कहा जा सकता है कि भारत के पड़ोस में बैठे दुश्मन इस बात से घबरा गए होंगे.
आधुनिक ATAGS में क्या खासियत?
- ATAGS में अत्याधुनिक 155 मिमी/52-कैलिबर बैरल है.
- ATGAS 45 से 48 किलोमीटर की रेंज तक सटीक निशाना लगा सकती है.
- रेगिस्तान और ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित कठोर इलाकों में भी कारगर.
- यह 'शूट एंड स्कूट' (फायर करने के बाद तुरंत स्थान बदलने) की रणनीति को सक्षम बनाती है.
पहली बार स्वदेशी तोप अपनाएगी इंडियन आर्मी
गौरतलब है कि भारत के पास पुरानी ATGAS भी थीं लेकिन इनका कैलिबर कम था. ये 105 मिमी और 130 मिमी थीं. करीब चार दशक पहले भारतीय सेना ने स्वीडन से 155 मिमी बोफोर्स हॉवित्जर तोपें खरीदी थीं, मगर उस समय ये डील एक बड़े रिश्वत कांड और राजनीतिक विवाद में फंस गई थीं. इसके बाद से सेना की तोपखाने की क्षमता में बड़ा स्वदेशी बदलाव नहीं हुआ था. यह पहली बार है जब इंडियन आर्मी पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और निर्मित तोप प्रणाली को अपनाने जा रही है.
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