भारत की बोफोर्स FH77 तोपों की 2030 तक विदाई, इनकी जगह ले सकती हैं ये 5 पावरफुल तोपें!

Bofors FH77 replace: भारतीय सेना 2030 तक बोफोर्स FH77 तोपों को हटाने जा रही है. 1980 के दशक से सेवा में रही इन तोपों की जगह अब देसी धनुष और ATAGS जैसी उन्नत तोपें लेंगी. सेना ने पहले ही कई धनुष तोपें शामिल कर ली हैं और 1500 से अधिक ATAGS तोपों को भविष्य में शामिल करने की योजना है.

Written by - Prashant Singh | Last Updated : Apr 13, 2025, 05:19 PM IST
  • 2030 तक हटाई जाएंगी बोफोर्स तोपें
  • धनुष और ATAGS तोपें ले सकती हैं जगह
भारत की बोफोर्स FH77 तोपों की 2030 तक विदाई, इनकी जगह ले सकती हैं ये 5 पावरफुल तोपें!

Bofors FH77 replace: भारत जल्द ही आधुनिक तोपों से लैस होने जा रहा है. देश के कोने-कोने में केवल मॉडर्न तोपें ही दिखाई देंगी. इसके लिए भारतीय सेना ने अपनी पुरानी तोपों को हटाने का फैसला लिया है, जिसकी जगह मॉडर्न और एडवांस तोपों को शामिल किया जाएगा. इसमें सबसे बड़ा बदलाव बोफोर्स FH77 तोपों को लेकर है, जिन्हें 2030 तक पूरी तरह हटाने का फैसला लिया गया है. 1980 के दशक में खरीदी गई ये स्वीडन निर्मित 155mm तोपें कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभा चुकी हैं. अब इनकी जगह देसी धनुष और ATAGS जैसी इन 5 एडवांस तोपों को शामिल किया जा सकता है.

2030 तक हट जाएंगी बोफोर्स तोपें
भारतीय सेना ने अपनी आर्टिलरी क्षमताओं को अपग्रेड करने जा रही है. इसके लिए 1980 के दशक से सेवा में रही बोफोर्स FH77 तोपों को 2030 तक पूरी तरह से सेवा से हटा दिया जाएगा. IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 400 में से अब सिर्फ 200 बोफोर्स तोपें ही ऑपरेशनल हैं.

इन स्वीडन निर्मित 155mm/39 कैलिबर की तोपों ने 1999 के कारगिल युद्ध में दुश्मन पर कहर बरपाया था. ऊंचाई पर सटीक और भारी मार करने की इनकी क्षमता ने भारत की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिससे ये तोपें भारतीय सेना की पहचान बन गईं.

यह 5 तोपें ले सकती हैं जगह
भारतीय सेना की तोपखाना ताकत को मजबूत करने के लिए, कई नई और एडवांस तोपों को शामिल किया जा रहा है. 2030 तक बोफोर्स FH77 तोपों की विदाई के बाद, इन 5 प्रमुख तोपों को शामिल किया जा सकता है.

1. धनुष तोप (Dhanush)
यह स्वदेशी रूप से विकसित 155mm/45 कैलिबर की टोएड तोप है. इसकी रेंज लगभग 38 किलोमीटर है और यह बोफोर्स की टेक्नोलॉजी पर आधारित है. धनुष में इलेक्ट्रॉनिक फायर कंट्रोल सिस्टम, ऑटोमेटेड लोडिंग और बेहतर स्टेबिलिटी जैसे फीचर शामिल हैं. यह एक तरह से बोफोर्स की अपग्रेडेड वर्जन है.

2. एटीएजीएस तोप (ATAGS)
Advanced Towed Artillery Gun System भारत की सबसे आधुनिक और लंबी दूरी की तोप है, जिसे DRDO, टाटा एडवांस सिस्टम्स और भारत फोर्ज ने मिलकर बनाया है. यह 155mm/52 कैलिबर की गन है जिसकी फायरिंग रेंज 48 किमी से भी ज्यादा है. इसमें ऑटोमेशन, डिजिटल फायर कंट्रोल और ऑल-टाइम ऑपरेशन की क्षमता है.

3. के9 वज्र तोप (K9 Vajra-T)
यह एक स्व-चालित (self-propelled) 155mm/52 कैलिबर की हॉविट्जर है, जो कोरियाई K9 थंडर पर आधारित है. इसे L&T ने भारत में निर्मित किया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है, तेज़ मूवमेंट, कम समय में फायरिंग और रेगिस्तान जैसे इलाकों में बेहतर परफॉर्मेंस. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना के पास पहले से 100 यूनिट्स हैं.

4. M777 अल्ट्रा लाइट हॉविट्जर
M777 Ultra-Light Howitzer, 155mm/39 कैलिबर की अल्ट्रा-लाइट तोप है. जिसे अमेरिका से खरीदा गया है. इसका वजन लगभग 4 टन है और इसे हेलिकॉप्टर या ट्रक से पहाड़ों में भी आसानी से तैनात किया जा सकता है. यह विशेष रूप से लद्दाख और अरुणाचल जैसे दुर्गम क्षेत्रों के लिए बेस्ट मानी जाती है.

5. शारंग तोप (Sharang)
यह पुराने सोवियत काल के 130mm M-46 गन का अपग्रेडेड वर्जन है, जिसे 155mm/45 कैलिबर में बदला गया है. इस देसी अपग्रेड से इसकी रेंज 27 किमी से बढ़ाकर 39 किमी तक हो गई है. यह देश की सबसे बड़ी तोप भी कही जाती है. बता दें, इसका वजन करीब 8.4 टन है. वहीं इसके बैरल की लंबाई करीब 7 मीटर है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और निजी कंपनियों के सहयोग से विकसित की गई ये तोपें रेंज, सटीकता और ऑटोमेशन में कहीं अधिक बेहतर हैं.

ऐसे में इन सभी तोपों की मदद से भारत अपनी आर्टिलरी क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है. ये तोपें आधुनिक युद्ध की जरूरतों के अनुसार डिजाइन की गई हैं और आने वाले वर्षों में सेना की मजबूत रीढ़ साबित होंगी.

ये भी पढ़ें- भारत के पास होंगे 'सुपर शक्ति' वाले राफेल-M, फ्रांस से मिलने वाले जेट्स में लगेगा देसी तड़का!

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़