लेबनान की धरती पर भारत का परचम, 821 भारतीय जवानों को किया सम्मानित

UNIFIL के तहत भारतीय बटालियन ने मेडल डे परेड का आयोजन किया था, जिसमें भारतीय सेना के 821 जवानों को यह पुरस्कर दिए गए. यह सम्मान लेबनान में शांति और स्थिरता बनाए रखने में उनके योगदान के लिए दिया गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 14, 2025, 10:56 PM IST
    • भारतीय सेना के जवानों को मिला सम्मान
    • 821 जवानों को किया गया है सम्मानित
लेबनान की धरती पर भारत का परचम, 821 भारतीय जवानों को किया सम्मानित

नई दिल्ली: भारतीय सेना को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया है. लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल लेबनान (UNIFIL) के तहत तैनात किए गए भारतीय बटालियन ने बीते शुक्रवार को मेडल डे परेड का आयोजन किया था, इसी दौरान भारतीय सेना के 821 जवानों को यह पुरस्कर दिए गए. यह सम्मान उन्हें लेबनान में शांति और स्थिरता बनाए रखने में उनके योगदान के लिए दिया गया है. यह समारोह भारतीय शांति सैनिकों की सेवा और समर्पण को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था.

सबसे बड़े सैनिक योगदान देने वाले देशों में से एक रहा भारत 
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत सबसे बड़े सैनिक योगदानकर्ता देशों में से एक रहा है. लेबनान में भारतीय सेना की उपलब्धियों के लिए आयोजित परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल विकास श्योराण ने किया. उन्होंने सैन्य गरिमा और अनुशासन के साथ इस समारोह का संचालन कर भारतीय सेना के नेतृत्व की उच्च परंपराओं को भी दर्शाया. इस भव्य आयोजन में कई कुछ विशेष अतिथियों ने शिरकत की. इस मौके पर लेबनान में भारत के राजदूत मोहम्मद नूर रहमान शेख, UNIFIL सेक्टर ईस्ट के कमांडर, अन्य नागरिक और सैन्य प्रतिनिधि भी शामिल हुए, साथ ही, आस-पास के गांवों के मेयर, लेबनानी सशस्त्र बल, स्टेट सिक्योरिटी, जनरल सिक्योरिटी, और स्थानीय समुदाय के प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित रहे.

किन सैनिकों के लिए शुरू हुई परंपरा
सेना के मुताबिक, मेडल डे परेड की परंपरा संयुक्त राष्ट्र ने उन शांति सैनिकों को मान्यता देने के लिए शुरू की गई थी, जिन्होंने किसी UN मिशन क्षेत्र में लगातार कम से कम 90 दिन सेवा दी हो. समय के साथ यह परेड वैश्विक शांति रक्षक समुदाय के बीच पेशेवर प्रतिबद्धता और साझे मूल्यों का प्रतीक बन चुकी है. UNIFIL में इसे गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है, जो सहयोगी देशों और मेजबान राष्ट्र के बीच एकता और तालमेल को दर्शाता है. सेना ने बताया कि आयोजन में स्थानीय नागरिक प्रतिनिधियों की मजबूत उपस्थिति दर्ज की गई. यह भारतीय बटालियन और लेबनानी समुदायों के बीच गहरे सहयोग, आपसी सम्मान और स्थायी संबंधों को दर्शाती है.

संवाद और सहयोग को मजबूत करने का अवसर बना मेडल डे
सेना के मुताबिक, यह वैश्विक शांति और कूटनीति के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है. समारोह की विशेष झलकियों में एक उत्कृष्ट सैन्य परेड शामिल रही, जिसमें अनुशासन, तालमेल और प्रशिक्षण की ऊंचाई को दर्शाते हुए भारतीय सेना की विश्वव्यापी प्रतिष्ठा को और बल मिला. यह परेड भारतीय सैन्य संस्कृति और निष्ठा का जीवंत प्रतीक बनी. सेना का मानना है कि मेडल डे परेड केवल सम्मान का एक मंच ही नहीं था, बल्कि यह लेबनानी नागरिक प्रशासन, सुरक्षा विभागों और UNIFIL अधिकारियों के बीच संवाद और सहयोग को और मजबूत करने का भी अवसर बना. UNIFIL में भारत की भूमिका पेशेवर उत्कृष्टता, मानवीय संवेदनशीलता और नागरिक-सैन्य सहयोग के उच्च मानक स्थापित करती आ रही है.

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