नई दिल्लीः हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोविड-19 रोधी टीका कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी इसी महीने मिलने की संभावना है . आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी . डब्ल्यूएचओ ने अब तक अमेरिका की प्रमुख दवा कंपनियों फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, चीन की साइनोफार्म और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूदी दी है .


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इसी महीने मिल सकती हैं मंजूरी
कोवैक्सीन उन छह टीकों में शामिल है जिन्हें भारत के औषधि नियामक से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है और देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम में कोविशील्ड और स्पूतनिक वी के साथ इसका इस्तेमाल किया जा रहा है .एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘इस महीने डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने की संभावना है .’’ केंद्र ने जुलाई में राज्यसभा को बताया था कि डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज भारत बायोटेक ने नौ जुलाई तक जमा कर दिए हैं और वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है .


75 करोड़ लोगों का टीकाकरण
देशभर में कोरोना रोधी वैक्सीन की 75 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र के साथ देश का टीकाकरण अभियान नए आयाम हासिल कर रहा है.


उन्होंने ट्वीट किया, 'बधाई भारत. आजादी के 75वें वर्ष में देश ने 75 करोड़ टीकाकरण के आंकड़े को पार कर लिया है.' उन्होंने साथ में हैशटैग 'सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन' और हैशटैग 'आजादी का अमृत महोत्सव' का इस्तेमाल किया है.


13 दिन में 10 करोड़ लोगों का टीकाकरण
देश ने 60 करोड़ का आंकड़ा पार करने में 19 दिन और लिए तथा 60 करोड़ से 70 करोड़ तक पहुंचने में महज 13 दिन लगे, जो सात सितंबर को हुआ था. देशभर में टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी. पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था. अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिए टीकाकरण का दूसरा चरण दो फरवरी से शुरू किया गया था. 


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