नई दिल्ली: भारत सरकार ने ट्विटर से 474 अकाउंटों पर संदेह के बाद उनकी जानकारी मांगी है. इसके अलावा सरकार ने 504 अकाउंट को तत्काल बंद करने की बात भी कही है जिनपर गलत गतिविधियों के मामले देखे या पाए गए हैं. भारत सरकार ने ट्विटर से 1268 ट्विटर अकाउंट के संबंध में उनकी जानकारी मांगी थी और 2484 अकाउंटों को हटाने के लिए कहा था.
पारदर्शिता रिपोर्ट में अमेरिका आगे
ट्विटर से भारत सरकार ने अनुरोझ तो किया लेकिन यह जान लेना भी जरूरी है कि इसपर कोई कारवाई हुई भी या नहीं, इसकी भी समीक्षा तो की ही जानी चाहिए. ट्विटर की पारदर्शिता रिपोर्ट कहती है कि दर्ज कराए गए 6 फीसदी मामलों पर संज्ञान लिया गया और 5 फीसदी सूचना अनुरोध मामलों में भारत सरकार के अपील के बाद मदद की. मालूम हो कि भारत से कहीं ज्यादा अनुरोध अमेरिकी सरकार की ओर से किए गए. अमेरिका ने ट्विटर अकाउंट फर्जीवाड़े और बुलिंग से जुड़े 29 फीसदी मामलों में जानकारी प्राप्त करने के लिए अनुरोध किए जिसमें से अधिकतर पर ट्विटर ने संज्ञान लिया.
माइक्रो-ब्लौगिंग प्लेटफॉर्म कानून का हो रहा उल्लंघन
ट्विटर से मिली जानकारी कहती है कि भारत सरकार ने जुलाई 2018 से लेकर अब तक 422 ट्विटर खातों के सूचना प्राप्ति के लिए अनुरोध किया है जबकि माइक्रो-ब्लौगिंग प्लेटफॉर्म से कानून का उल्लंघन करने के लिए 667 ट्विटर अकाउंट्स को खत्म करने की अपील भी की है. भारत सरकार ने हैकिंग मामलों पर पाबंदी के लिए ये कदम उठाने जरूरी समझे और तबसे प्रयासरत है.
समीक्षा में 119 फीसदी बेहतर हुए हैं रिकॉर्ड
मालूम हो कि ट्विटर पर यौन शोषण, महिला उत्पीड़न, मानहानि से जुड़े मामले समेत कई संवेदनशील मुद्दों पर की गई ओछी टिप्पणियों को ट्विटर से हटाने का अनुरोध किया है. ट्विटर ने कहा कि कंपनी ने अब तक पिछली समीक्षा के बाद से 119 फीसदी अधिक खातों को अवैध घोषित करा बंद कराया है. इसमें यौन शोषण से जुड़े 2 लाख 44 हजार से भी अधिक अकाउंट्स को निलंबित करा दिया है.