बांग्लादेश में ISKCON के पुजारी की गिरफ्तारी पर भारत सरकार का बयान, `हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें बांग्लादेश सरकार...`
Bangladesh News: चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को सोमवार 25 नवंबर 2024 को शाम 4:30 बजे बांग्लादेश के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने हिरासत में लिया.
दिल्ली: Bangladesh News: बांग्लादेश में हाल ही में सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया गया. ISKCON के पुजारी को गिरफ्तार करने और जमानत न दिए जान को लेकर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की है.
जेल भेजे गए कृष्ण दास ब्रह्मचारी
बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को सोमवार 25 नवंबर 2024 को शाम 4:30 बजे बांग्लादेश के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने हिरासत में लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज मंगलवार 26 नवंबर 2024 को चिन्मय कृष्ण दास दास को 31 अक्टूबर 2024 को दर्ज एक मामले के संबंध में चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के सामने पेश किया गया. इस दौरान उनकी जमानत याचिक खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया गया.
भारत सरकार ने दी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम चिन्मय कृष्ण दास, जो 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत' के प्रवक्ता हैं, की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं.' बयान में कहा गया, 'यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई. अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवी-देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज किए गए हैं.
खुलेआम घूम रहे अपराधी
विदेश मंत्रालय ने कहा,' यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें प्रस्तुत करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. हम दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं.' मंत्रालय ने कहा, हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपील करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है.' बता दें कि दास की गिरफ्तारी ऐसे वक्त पर हुई जब मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोप लग रहे हैं.
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