समुद्र से निकलेगा मेड इन इंडिया मॉन्सटर, भारत बना रहा 10,000 टन का न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन, अब डरेगा ड्रैगन

Indian Navy Project-77: भारत हिंद महासागर में सर्वशक्तिमान बनने की राह पर मजबूत कदमों से आगे बढ़ रहा है. इसके लिए इंडियन नेवी एक खतनाक न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन (SSN) बना रहा है. इसकी तैनाती हिंद महासागर में की जाएगी. इस SSN को प्रोजक्ट-77 के तहत बनाया जा रहा है. इसके लिए 240,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है.

Written by - Saurabh Pal | Last Updated : Oct 4, 2025, 12:14 PM IST
  • ब्रह्मोस से लैस होंगी भारतीय SSN सबमरीन
  • 95% स्वदेशी तकनीक से बनेगी SSN सबमरीन
 समुद्र से निकलेगा मेड इन इंडिया मॉन्सटर, भारत बना रहा 10,000 टन का न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन, अब डरेगा ड्रैगन

Indian Navy Project-77 SSN: भारत डिफेंस की दुनिया में एक नई मिसाल गढ़ने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है. हवा और जमीन पर मार करने में सक्षम हथियारों को बनाने के बाद अब समुद्र की बारी है. इसके लिए भारतीय नेवी ने प्रोजेक्ट-77 SSN शुरू करने जा रही है. प्रोजेक्ट-77 के तहत न्यूक्लियर पावर से चलने वाली युद्ध क्षमताओं से लैस खतरनाक पनडुब्बियां बना रहा है. ये भारत का महत्वाकांक्षी स्वदेशी प्रोजेक्ट है. मेड इन इंडिया न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन (SSN) का वजन 10,000 टन के करीब होगा.

इंडियन नेवी की ये पनडुब्बी भारत को समुद्र में बेहद ताकतवार बना सकती है. जिससे हिंद महासागर में चीन के दबदबे को कड़ी चुनौती मिलेगी. ऐसा माना जा रहा है कि इन पनडुब्बियों के सफल निर्माण के बाद चीन और पाकिस्तान के मुकाबले भारत हथियारों के मामले में काफी आगे निकल जाएगा. यह पनडुब्बी सैकड़ों किलोमीटर दूर से जमीनी हमले करने में सक्षम होगी. सरल भाषा में इसकी शक्तियों को देखते हुए इसे समुद्र का मॉन्स्टर भी कहा जा सकता है.

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खतरनाक मिसाइलों से लैस होगा SSN
IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन विशाल मिसाइलों से लैस होगी. इसमें 40-50 खतरनाक मिसाइलों का एक शस्त्रागार होगा, जिसमें 800 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रह्मोस सुपरसोनिक लैंड- अटैक क्रूज और 1500 किलोमीटर से अधिक मार करने में सक्षम स्वदेशी सबसोनिक मिसाइलें होंगी. इन मिसाइलों को वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से लॉन्च किया जाएगा.

SSN के लिए 240,000 करोड़ का बजट
भारत की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने अक्टूबर 2024 में ही इस 240,000 करोड़ के भारी भरकम प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी, साथ ही शुरुआती फंड भी जारी कर दिया था. प्रोजेक्ट-77 को पहले प्रोजेक्ट-75 अल्फा नाम दिया गया था. हालांकि अब इसका ना प्रोजेक्ट-77 है. न्यूक्लियर पावर्ड स्वदेशी सबमरीन डिफेंस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की तरफ एक मजबूत कदम है. खास बात ये है कि प्रोजोक्ट -77 के तहत बनने वाली सबमरीन 95 प्रतिशत स्वदेशी होगी. इंडियन नेवी को 2036-37 तक दो SSN डिलीवर करने का लक्ष्य रखा गया है. 2050 तक इंडियन नेवी के पास 12 SSN होंगे. 

न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन की खासियत
एक न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन समुद्र में बेहद खतरनाक होती है. यह जंग को किसी भी दिशा में मोड़ने में सक्षम होती है. खास बात ये है कि पानी के अंदर गहराई में और पानी के सतह पर दुश्मन को निशाना बना सकता है. वो भी बिना पकड़ में आए. इसे जो बात सबसे खास बनाती है, वो ये है कि लंबे समय तक पानी में रह सकती है. साथ बिजली की रफ्तार से लोकेशन बदलने में सक्षम है. यह एक स्टेल्थ सबमरीन होती है, जिसे रडार या सोनार से पकड़ा मुश्किल होता है. 

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Saurabh Pal

सौरभ पाल का नाता उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से है. इन्होंने अपनी पढ़ाई देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की है. सौरभ को लिखने-पढ़ने का शौक है. ...और पढ़ें

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