नेवी के हाथ लगने वाली है गेमचेंजर तकनीक, पानी के अंदर चीन-पाकिस्तान पर होगी नजर और उन्हें हवा भी नहीं लगेगी

भारतीय नौसेना जल्द ही अपनी कलवरी क्लास पनडुब्बियों को अत्याधुनिक एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक से लैस करने जा रही है. प्रोजेक्ट-75 के तहत बनीं इन पनडुब्बियों में ये तकनीक भारतीय नौसेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 31, 2024, 12:57 PM IST
  • इस तकनीक से पकड़ में नहीं आएंगी पनडुब्बियां
  • कब तक पनडुब्बियों में इसे फिट किया जाएगा
नेवी के हाथ लगने वाली है गेमचेंजर तकनीक, पानी के अंदर चीन-पाकिस्तान पर होगी नजर और उन्हें हवा भी नहीं लगेगी

नई दिल्लीः भारतीय नौसेना जल्द ही अपनी कलवरी क्लास पनडुब्बियों को अत्याधुनिक एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक से लैस करने जा रही है. प्रोजेक्ट-75 के तहत बनीं इन पनडुब्बियों में ये तकनीक भारतीय नौसेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है. यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

क्या है AIP तकनीक

इस तकनीक की विशेषता यह है कि किसी भी गैर-परमाणु पनडुब्बी को वातावरण से ऑक्सीजन की जरूरत के बिना ही संचालित करने में सक्षम बनाती है. यह तकनीक पनडुब्बियों को तीन से चार गुना अधिक समय तक पानी के नीचे रहने की क्षमता देती है. खासकर ऐसे समय में जब चीन और पाकिस्तान के चलते भारत को हर समय अलर्टर मोड पर रहना पड़ता है.

इस तकनीक की मदद से पकड़ में नहीं आएंगी पनडुब्बियां

भारतीय पनडुब्बी बेड़े को AIP तकनीक से काफी फायदा होगा. ये पनडुब्बियां बिना पकड़ में आए हिंद महासागर में बढ़ती चीनी नौसैनिक उपस्थिति पर प्रभावी ढंग से नजर रख पाएंगी. यह इसलिए भी भारत के लिए जरूरी थी क्योंकि चीन और पाकिस्तान पहले ही इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. 

कब तक पनडुब्बियों में इसे फिट किया जाएगा

DRDO और L&T ने जून 2023 में कलवरी-क्लास पनडुब्बियों के लिए दो AIP सिस्टम मॉड्यूल की आपूर्ति के लिए डील की थी. वहीं 28 दिसंबर को लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के हजीरा संयंत्र में AIP प्रणाली के लिए स्टील-कटिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया. यहीं 2025 के अंत तक उन्नत प्रणाली का निर्माण और परीक्षण होने की उम्मीद है, जिसके बाद इसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (MDL) में पनडुब्बी पर फिट किया जाएगा. 

इस स्वदेशी रूप से विकसित ईंधन-सेल AIP को आईएनएस कलवरी पनडुब्बी में सितंबर 2025 में पहली बड़ी मरम्मत से गुजारे जाने का बाद फिट किया जाएगा. बता दें कि INS कलवरी स्कॉर्पीन-क्लास की पहली पनडुब्बी है, जो फ्रांसीसी नौसेना समूह द्वारा डिजाइन और मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में निर्मित है.

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