नई दिल्ली. भारत के नागरिकता क़ानून ने अंतर्राष्ट्रीय रूप से भी मुस्लिम देशों को गोलबंद करना शुरू कर दिया है. अब इसी बात की मिसाल मिली है ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन से जिसने भारत से अपील की है कि भारत सरकार मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
कुछ देश उठाना चाहते हैं मौके का फायदा
जानते हुए भी कि नागरिकता क़ानून भारत का निजी मसला है, भारत विरोधी मानसिकता वाले देश प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर इसके प्रतिकूल टिप्पणी करने से नहीं चूक रहे हैं. चाहे वो आवाज़ यूनाइटेड नेशंस से आये या अमेरिका से, मौके का फायदा उठा कर भारत सरकार को घेरने के लिए हर कोई तैयार बैठा नज़र आता है. अब इसी सिलसिले को आगे बढ़ाया हाई ओआईसी ने.
मोदी सरकार के कदम बाहरी लोगों को नहीं सुहा रहे
चाहे वो कश्मीर में धारा 370 हटाने का मसला हो या तीन तलाक खत्म करने का या फिर अभी अयोध्या में मंदिर बनने का कानूनी फैसला आना - विदेशों में बैठे कट्टर इस्लामिक सोच के देशों को भारत का यह पुनर्जागरण काल पसंद नहीं आ रहा है. वे तिलमिला भी रहे हैं और कसमसा भी रहे हैं.
मुस्लिम संगठन के महासचिव का बयान
ओआईसी के महासचिव युसूफ़ बिन अहमद बिन अब्दुल रहमान ने एक बयान जारी करके ये कहा है कि भारत के हालिया घटनाक्रम पर उनकी नज़र बनी हुई है. अस्सी मुस्लिम देशों के इस संगठन ने कहा कि हाल ही में भारत में कई ऐसी गतिविधियां हुई हैं, जिनसे अल्पसंख्यक प्रभावित हुए हैं. उन्होंने नागरिकता क़ानून और बाबरी मस्जिद मामले की मिसाल दे कर कहा हम इन बातों से चिंतित हैं और भारत से अपनी मांग दोहरा कर कहना चाहते हैं कि भारत में मुसलमानों और उनके पवित्र स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
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