Dummy Aircraft Attack by India: भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाए जाने के कुछ दिनों बाद एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है कि कैसे भारतीय वायु सेना ने डमी विमान तैनात करके पाकिस्तानी रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को भ्रमित किया.
समाचार एजेंसी ANI ने यह भी बताया है कि भारत ने पहली बार सक्रिय युद्ध में ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल किया, जिससे पाकिस्तान में लक्ष्यों पर सटीक हमले किए गए.
डमी जेट
ANI द्वारा क्वोट किए गए रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने 9 और 10 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान वायु सेना के कई एयरबेसों के खिलाफ एक बड़ा हमला अभियान चलाया. इस ऑपरेशन में, पाकिस्तान के 12 प्रमुख एयरबेसों में से 11 पर भारतीय वायुसेना ने हमला किया. इन एयरबेसों पर लगभग 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी गईं, जिसका उद्देश्य विमानों और अन्य प्रमुख ऑपरेशनों को लॉन्च करने की उनकी क्षमता को बाधित करना था. बता दें कि कि इन एयरबेसों को पूरी तरह से नष्ट करना भारतीय वायुसेना के प्लान में नहीं था.
हालांकि, इस बड़े अभियान को शुरू करने से पहले भारतीय वायुसेना ने पायलट के बिना डमी विमान तैनात किए, जो पाकिस्तानी रडार पर असली लड़ाकू विमानों के रूप में दिखाई दिए.
भारतीय अधिकारियों के दिमाग के आगे पाक की ना चली
इससे हुआ क्या कि पाकिस्तानी पक्ष को 'आने वाले दुश्मन के विमानों' को रोकने के लिए अपने रक्षा नेटवर्क को एक्टिव करना पड़ा. लेकिन इससे भारत को फायदा ये हुआ कि उसने उन जगहों की पुष्टि कर ली जहां से पाकिस्तान के वायु रक्षा रडार और कमांड और नियंत्रण प्रणालियां एक्टिव थी. ऐसे में उन्हें भारतीय बलों ने लोइटरिंग गोला-बारूद और इजराइली निर्मित Harops का उपयोग करके निशाना बनाया गया.
इससे पहले भारत से छिपाकर पाकिस्तान के द्वारा चीनी HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया था. डमी जेट की तैनाती से भारत को नए स्थान का पता लगाने और रडार और रक्षा प्रणालियों को बेअसर करने में मदद मिली.
भारतीय आक्रमण में किन मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया?
इसके बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया, जिसमें ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलें शामिल थीं.
आक्रमण में लगभग 15 ब्रह्मोस मिसाइलें और स्कैल्प, रैम्पेज और क्रिस्टल मेज मिसाइलें लॉन्च की गईं.
मिशन को मुख्य रूप से पश्चिमी वायु कमान और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान क्षेत्र की जिम्मेदारी से नियंत्रित किया गया था. भूमि पर हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों, हवा से प्रक्षेपित क्रूज मिसाइलों और मानव रहित लड़ाकू विमानों का उपयोग करके पाकिस्तानी वायु सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों को मुख्य रूप से रूसी एस-400, MRSAM और आकाश वायु रक्षा मिसाइल इकाइयों के साथ-साथ अन्य पुरानी प्रणालियों के संयोजन द्वारा विफल कर दिया गया था.
यह ध्यान देने वाली बात है कि पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारत ने कभी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया. सीमा पार करने से भारतीय विमान दुश्मन के रडार और रक्षा प्रणालियों की नजर में आ जाते. इसके बजाय, भारत ने अपनी सीमाओं के भीतर से सटीक हमले करने के लिए एडवांस लड़ाकू विमानों के साथ-साथ उच्च तकनीक वाली मिसाइलों को भी तैनात किया.
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