Hyperloop Tube: भारत की सुपरफास्ट तोड़ेगी चीन का रिकॉर्ड, पलक झपकते ही तय कर लेगी मंजिल

Hyperloop Tube India: आईआईटी मद्रास द्वारा पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित की जा रही 410 मीटर लंबी हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया की सबसे लंबी ट्यूब होने वाली है. हाइपरलूप टेक्नोलॉजी से चलने वाली ट्रेन की स्पीड 1200 किमी तक हो सकती है. फिलहाल, भारत में बनाई जा रही Hyperloop Tube, चीन की सबसे फास्ट चलने वाली ट्रेन को आसानी से पछाड़ सकती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 17, 2025, 07:32 PM IST
  • 410 मीटर लंबी होगी हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब
  • चीन के सबसे फास्ट ट्रेन को देगी पछाड़
Hyperloop Tube: भारत की सुपरफास्ट तोड़ेगी चीन का रिकॉर्ड, पलक झपकते ही तय कर लेगी मंजिल

Hyperloop Tube India: भारत ने हाल ही में नोएडा से मेरठ तक रैपिड रेल की शुरूआत की. जिसकी स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है. देश की सबसे तेज, 180 किमी प्रति घंटे से चलने वाली ट्रेन, वंदे भारत देश की सबसे एडवांस ट्रेन है, जबकि प्रस्तावित बुलेट ट्रेन को लेकर तेजी से काम चल रहा है, जिसकी अधिकतम स्पीड 320 किमी रहने वाली है. इस बीच, भारत हाई-स्पीड ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने जा रहा है, वर्तमान में IIT मद्रास की मदद से एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब (410 मीटर) बना रहा है. जो भविष्य में दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब बन जाएगी.

इसके लिए चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी को डेवलप किया जा रहा है. इस पहल से 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने के साथ-साथ, टेक्निकल इनोवेशन, फाइनेंशियल डेवलपमेंट और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.

क्या है हाइपरलूप टेक्नोलॉजी?
हाइपरलूप एडवांस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है, जिसका आइडिया सबसे पहले एलन मस्क ने वर्ष 2013 में दिया था. पांचवीं पीढ़ी का यह ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है. जिसकी स्पीड 1,200 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जा सकती है. इसे चलाने के लिए लो-प्रेशर वाले ट्यूब में बिजली से चलने वाले पॉड्स (Electrically Powered Pods) का इस्तेमाल किया जाता है. इस टेक्नोलॉजी से जब ट्रेन चलती है तो वैक्यूम क्रिएट होता है, जो मैग्नेटिक लीविटेशन टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रैक पर चलने के बजाय, उसके ऊपर चलती है.

हाइपरलूप से यात्रा का समय कम होगा, जिससे मौजूदा ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी. यह सिस्टम इको-फ्रेंडली भी है, जो पुराने यातायात साधनों के मुकाबले, न के बराबर कार्बन उत्सर्जित करेगी.

IIT मद्रास बना रहा हाइपरलूप ट्यूब
आईआईटी मद्रास द्वारा पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित की जा रही 410 मीटर लंबी हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया की सबसे लंबी ट्यूब है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके डेवलपमेंट को लेकर, शनिवार को IIT मद्रास का दौरा किया और इस मॉडर्न तकनीक का लाइव डेमोंस्ट्रेशन देखा. 

इस दौरान, उन्होंने यंग इंडियन इनोवेटर्स की इस उपलब्धि की सराहना भी की. जिसको लेकर उन्होनें X (पहले ट्विटर) पर लिखा, ‘एशिया की सबसे लंबी (410 मीटर) हाइपरलूप ट्यूब.. जल्द होगी दुनिया की सबसे लंबी हाइपरलूप.’ वहीं, चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी विकसित कर रही है. ICF की एक्सपर्टीज, पहले ही वंदे भारत ट्रेन में देखी जा चुकी है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने IIT चेन्नई के गुंडी कैंपस का भी दौरा किया.

चीन की सबसे फास्ट ट्रेन को भी देगी पछाड़
हाइपरलूप टेक्नोलॉजी का विकास 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण को मजबूत करने वाला है. IIT मद्रास की डीप-टेक स्टार्टअप 'Tutr Hyperloop' भारत की पहली कॉमर्शियल हाइपरलूप सिस्टम को विकसित करने पर काम कर रही है. रिपोर्ट की मानें तो, इसकी अधिकतम स्पीड 600 किमी प्रति घंटा होने वाली है, जिसे बाद में बढ़ाकर 1000 किमी प्रति घंटा किया जा सकता है. जोकि चीन की सबसे तेज चलने वाली शंघाई मैग्लेव ट्रेन, जिसकी स्पीड 431 किमी/घंटा है, उसे भी पछाड़ देगी.

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