Economic Growth के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी जरूरी

रिपोर्ट में ये कहा गया है कि भारत में आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए कोरोना टीकाकरण की गति को तेज करना जरूरी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 10, 2021, 12:19 AM IST
  • आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने का मंत्र
  • वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट को पढ़िए!
Economic Growth के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी जरूरी

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी अपनी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक वृद्धि की गति फिर से बढ़ाने के लिए कोविड-19 टीकाकरण की गति को तेज करना और बड़े पैमाने चलाना बहुत महत्वपूर्ण है.

टीकाकरण के रफ्तार से पटरी पर आएगी इकोनॉमी

मंत्रालय ने कहा, ‘कोविड-19 की दूसरी लहर की रफ़्तार धीमी पड़ने, टीकाकरण अभियान के तेजी से सुधार और केंद्रीय बजट में नियोजित राजकोषीय उपायों से आने वाली तिमाहियों में निवेश प्रक्रिया बढ़ेगी.’

रिपोर्ट में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव के बारे में कहा गया है कि इसका मौजूदा तिमाही में विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र पर प्रभाव हल्का रह सकता है.

रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया कि आर्थिक सुधार की गति को फिर से हासिल करने के लिए टीकाकरण की गति और अभियान को तेज करना महत्वपूर्ण है.

दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना जरूरी

रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा कि लोगों की जान और आजीविका बचाने के लिए स्वास्थ ढांचे में मजबूती, टीकाकरण में तेजी, वायरस के अलग प्रारूपों पर शोध, सोच विचार और पहले से भांपते हुये प्रतिबन्ध लगाना और कोविड19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना बहुत जरूरी है.

रिपोर्ट के अनुसार मई के दूसरे पखवाड़े के दौरान बिजली की खपत, ई-वे बिल और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रवाह जैसे वास्तविक और वित्तीय क्षेत्रों में मामूली वृद्धि देखी गई.

कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार हुई धीमी

देश में कोविड-19 की दूसरी लहर की रफ़्तार पिछले कुछ दिनों में धीमी हुई है. पिछले कुछ दिनों से सक्रिय मामलों में भी लगातार कमी दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार आठ मई के आस-पास कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर थी उसके बाद इसमें कमी आई है.

रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि देश में वित्त 2020-21 की दूसरी छमाही के दौरान अर्थव्यवस्था में 'वी आकार' यानी तेजी से सुधार देखने को मिला.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के 0.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि से सालाना जीडीपी में पहले के आठ प्रतिशत गिरावट आने के मुकाबले दूसरी अग्रिम अनुमान में यह सुधरकर 7.3 प्रतिशत गिरावट रह गई.

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