जयपुर: विशेष अदालत ने आरोपी सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफ उर्फ सेफुर्रहमान और सलमान को दोषी करार दिया जबकि शाहबाज हुसैन को संदेह के बिना पर आरोप मुक्त कर दिया गया है. विशेष न्यायालय ने आईपीसी, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और पीडीपीपी एक्ट के तहत चारों आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब पक्षों को लेकर सजा के प्रावधानों पर बहस होगी और इसके बाद कोर्ट इन दोषियों को सजा सुना सकती है.
जयपुर की वह घटना जिसने दहला दिया था नगरी का दिल
यह घटना तब की है जब गुलाबी नगरी जयपुर की खूबसूरत शाम को आतंकियों की नजर लग चुकी थी. मंगलवार का दिन था. आतंकवादी यह बात जानते थे कि मंगलवार को शहर के हनुमान मंदिरों में अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ रहती ही है. योजना के मुताबिक अपराधियों ने शाम करीब 7:05 पर पहला ब्लास्ट माणक चौक पुलिस थाने के पास किया. उसके बाद लगातार 7 सीरियल बम ब्लास्ट हुए.
इन आग की लपटें और चिथड़े उड़ा देने वाली विस्फोटों ने गुलाबी नगरी का रंग ही बदल डाला. हर तरफ धुआं-धुआं, चीख पुकार, लाशें, लहुलूहान लोग और दहशत फैल चुका था. इस घटना में करीब 69 लोग अपनी जान गंवा चुके थे. इसके अलावा 185 से ज्यादा लोग धमाकों में घायल हुए थे.
इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली हमलों की जिम्मेदारी
जब सब कुछ तहस-नहस हो चुका था तब इन धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली. इस ब्लास्ट को 11 आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. इनमें से 5 को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था. 2 बाटला एनकाउंटर में मारे गए और 1 को पिछले साल दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि 3 अभी भी फरार हैं. ब्लास्ट मामले में माणक चौक और कोतवाली थाने में इन सभी पर चार-चार एफआईआर दर्ज हुए.
ये आतंकी कर लिए गए गिरफ्तार
इस पूरे मामले की जांच करते हुए एसओजी ने सितम्बर 2008 को सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन को घटना की जानकारी मेल करने वाले मोहम्मद शहबाज हुसैन को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मार्च 2009 में मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन और मोहम्मद सरवर आज़मी को भी गिरफ्तार कर लिया. फिर कुछ ही दिनों में मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
पिछले साल आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अभी तक राजस्थान पुलिस ने उसे प्रोडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार नहीं किया है. इस मामले में मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद अभी भी फरार चल रहे हैं.
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