Pahalgam attack: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम पर मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला कर दिया. इस हमले में 24 लोगों की मृत्यु हो गई है. बताया जा रहा है कि आंकड़ा बढ़ सकता है. जवाब में, कई सुरक्षा इकाइयों ने इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. इनमें भारतीय सेना की विक्टर फोर्स और विशेष बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस का विशेष अभियान समूह (SOG) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शामिल हैं.
भारतीय सेना की विक्टर फोर्स के जवानों ने हमलावरों की धरपकड़ के लिए घाटी में ऊंचे इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है. ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि विक्टर फोर्स क्या है और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी प्रयासों में इसकी क्या महत्वपूर्ण भूमिका है?
भारतीय सेना की विक्टर फोर्स क्या है?
भारतीय सेना अपनी बहादुरी और समर्पण के लिए जानी जाती है. भारतीय सेना के अंतर्गत कई इकाइयां हैं, इसकी कई विशेष इकाइयों में से विक्टर फोर्स है, जो जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के अधीन काम करती है, जो एक आतंकवाद विरोधी बल है.
विक्टर फोर्स मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर के दक्षिणी जिलों - अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है. ये सभी अत्यधिक संवेदनशील और आतंकवादी गतिविधि के लिए जाने जाते स्थान हैं.
पिछले कुछ वर्षों में विक्टर फोर्स ने कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया है, जिसमें ऑपरेशन ऑल आउट भी शामिल है, जिसके दौरान कश्मीर घाटी में कई शीर्ष आतंकवादियों का सफाया किया गया था.
अपनी लड़ाकू भूमिका के अलावा यह इकाई पत्थरबाजी की घटनाओं और भीड़ नियंत्रण जैसे कानून और व्यवस्था के मुद्दों को भी संभालती है.
1994 में गठित विक्टर फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स के तहत पांच प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जिसकी स्थापना 1990 के दशक की शुरुआत में हुई थी. RR के अन्य घटकों में रोमियो फोर्स, डेल्टा फोर्स, किलो फोर्स और यूनिफॉर्म फोर्स शामिल हैं. इनमें से विक्टर फोर्स भारतीय सेना की सबसे दुर्जेय आतंकवाद विरोधी विंग में से एक है, जो कुछ सबसे कठिन इलाकों में अपने तेज और प्रभावी अभियानों के लिए जानी जाती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अमित शाह से बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उनसे स्थिति से निपटने के लिए सभी उचित कदम उठाने को कहा. प्रधानमंत्री मोदी ने शाह से केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने को भी कहा. जहां शाह दिल्ली से निकल चुके हैं और कुछ समय में घाटी में होंगे.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि मृतकों की संख्या का पता लगाया जा रहा है. उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा, 'यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है.'
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