दिल्ली: जेएनयू में शीतकालीन सेमेस्टर को लेकर वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि JNU में 8500 छात्रों में से, 82% छात्रों ने सोमवार तक शीतकालीन पंजीकरण के लिए अपने छात्रावास के बकाए को जमा कर दिया है. उम्मीद है कि बचे हुए छात्र भी इस पंजीकरण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करेंगे. पंजीकरण प्रक्रिया, विलंब शुल्क के साथ अभी तक खुली हुई है.
परिसर में बढ़ रही शांति व्यवस्था
JNU के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी पूरी कोशिश कर रही है कि शीतकालीन सेमेस्टर के लिए छात्रों की मदद की जाए. कैंपस में शांति है और अकादमिक गतिविधियां हो रही हैं. यूनिवर्सिटी भी गणतंत्र दिवस मनाने के लिए तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि इस साल पहली बार यूनिवर्सिटी के एनसीसी कैडेट्स गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ध्वजारोहण स्थल पर परेड में भाग लेंगे.
पुलिस ने किया हमलावरों को पहचानने का दावा
दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उसने उन लोगों की पहचान कर ली है जो हिंसा में संलिप्त थे. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वाट्सएप ग्रुप से हिंसा की साजिश रची गई थी. डीसीपी जाय टिर्की ने कहा कि लेफ्ट के 4 छात्र संगठन रजिस्टेशन के खिलाफ थे. हिंसा की शुरुआती जांच में पुलिस ने जिन नौ छात्रों की पहचान की थी उन सभी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया. क्राइम ब्रांच ने साबरमती तथा पेरियार हॉस्टल के वार्डन के अलावा कुछ सुरक्षा गार्ड और कुछ छात्रों से भी पूछताछ कर हिंसा से जुडे़ साक्ष्यों को भी जुटाया है.
जेएनयू छात्र संघ ने रजिस्ट्रेशन का किया बहिष्कार
जेएनयू छात्र संघ ने इसके जवाब में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का पूरी तरह बहिष्कार करने का फैसला लिया है. छात्रसंघ अध्यक्ष आईषी घोष और अन्य सभी प्रतिनिधियों ने छात्रों से शीतकालीन सत्र के बहिष्कार करने की अपील की है. छात्र संघ ने छात्रों से एकजुट एकजुट रहने की अपील की है. छात्रसंघ का कहना है कि लाईफ साइंस जैसे विषय पर शोध कर रहे 50-60 छात्रों ने ही अभी तक शीतकालीन सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. साथ में छात्रों का कहना है कि कुलपति एम जगदीश कुमार बढ़ी हुई फीस वापस लें.
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