नई दिल्ली: दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है. और जेएनयू में छात्रों के हंगामा किए जाने का मामला एक बार फिर से सामने आया है. दरअसल, सोमवार को जेएनयू के कन्वेंशन सेंटर में सुबह 10 बजे इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन यानी IHA की मीटिंग होनी थी. इस दौरान सैकड़ों की तादाद में छात्र जबरन मीटिंग में घुस गए और जमकर बवाल काटा. इतना ही छात्रों ने वीसी के घर के घेराव भी किया और उनकी गैरमौजूदगी में जमकर तोड़फोड़ भी की.
उग्र छात्रों ने तोड़ी सारी हदें
जब कमेटी के सदस्यों ने छात्रों से बाहर जाने को कहा तो छात्र उग्र हो गए तो फिर से तोड़फोड और नारेबाजी करने लगे. इतना ही नहीं हंगामा कर रहे छात्रों ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रोफेसर उमेश कदम को कई घंटों तक बंधक भी बनाए रखा. जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई, इसके बाद विरोध कर रहे छात्रों ने ना सिर्फ प्रोफेसर की एंबुलेंस को रोक दिया बल्कि यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों को भी इलाज नहीं करने दिया. देखते ही देखते प्रोफेसर की तबियत बिगड़ती चली गई. इस दौरान प्रोफेसर की पत्नी और बच्चे भी विरोध कर रहे छात्रों से मदद की गुहार लगाते रहे. लेकिन छात्रों ने उनकी एक नहीं सुनी.
Prof Umesh Kadam, JNU: I'm a high BP patient, I requested that medical team be brought in. But students didn't let them in. We somehow managed to come out but students 'gheraoed' the ambulance. I want to go to Spinal Centre as recommended by doctors but I'm not being allowed.
— ANI (@ANI) October 28, 2019
काफी मशक्कत के बाद एंबुलेंस को जैसे-तैसे निकाला गया, लेकिन छात्र फिर से एंबुलेंस के आगे अड़ गए और यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर में ही इलाज कराने के लिए कहा. छात्रों पर आरोप है कि इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो भी जबरन मीडिया के मोबाइल से डिलीट करा दिया.
डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रोफेसर उमेश कदम ने बताया कि 'इन्होंने सब स्टूडेंट्स को उकसाकर उधर अंदर घुसा दिया, अब जिस मीटिंग हॉल में मीटिंग चल रही है, सरकारी कामकाज चल रहा है, वहां तो आप घुस नहीं सकते । लेकिन इन्होंने घुसकर वहां हंगामा किया, और हमें वहां पर होस्टेज बनाया, मेरे साथ फीमेल वॉर्डन भी थी, मेल वॉर्डन भी थे. चार-पांच हॉस्टल प्रेजिडेंट भी अंदर बैठे थे, हम लोगों को एक घंटा बिठाया और बहुत जोर से गाली गलौज हल्ला होने लगा.'
कई दिनों से चल रहा है टकराव
बताया जा रहा है कि हॉस्टल के नियमों में बदलाव को लेकर छात्रों और एडमिनिस्ट्रेशन के बीच पिछले कई दिनों से टकराव जारी है. और छात्र भूख हड़ताल पर हैं. इधर, छात्रों का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन उनकी स्वतंत्रता पर चोट कर रहा है. जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि प्रशासन ने हॉस्टल के नियमों में तब्दीली करने का फैसला कर लिया है. इस पूरे फैसले में छात्रों को शामिल नहीं किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता है कि हॉस्टल से रात 11 बजे के बाद निकलने में पाबंदी लगा दी जाए. इसके साथ ही स्टूडेंट्स को हॉस्टल में ड्रेस कोड के तहत लाया जाए. और लाइब्रेरी की समय सीमा तय की जाए. आरोप ये भी है कि प्रशासन चाहता है कि हॉस्टल के कर्मचारियों की तनख्वाह भी स्टूडेंट के हिस्से से ली जाए.
देर शाम तक जेएनयू में हंगामा जारी रहा, बाद में छात्रों ने अस्थाई रूप प्रदर्शन खत्म कर दिया. हालांकि वीसी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस पूरे मामले में सख्ती के साथ कार्रवाई करने की बात कही है. और छात्रों के रवैए को निंदनीय बताते हुए छात्रों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की तैयारी में है. जेएनयू प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अनुशासनहीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.