नई दिल्ली: सोमवार 18 नवंबर को देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के पद पर जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने शपथ ली. बोबडे को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. बता दें कि जस्टिस रजन गोगोई ने भारत के 46वें CJI के रुप में कार्यभार संभाला था, लेकिन 17 नवंबर को वह अपने पद से रिटायर हो गए.
CJI के तौर पर जस्टिस बोबडे 17 महीने तक यह पद संभालेंगे और 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे. सूत्रों की माने तो रिटायरमेंट से पहले 18 अक्टूबर को जस्टिस रजन गोगोई ने ही CJI पद के लिए जस्टिस एसए बोबडे की सिफारिश की थी.
परिचय
शरद अरविंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था. वहीं से बोबडे ने अपनी स्कूलिंग व स्नातक की पढ़ाई पूरी की और नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त की. बोबडे महाराष्ट्र के जाने-माने वकील परिवार से आते हैं और उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे भी प्रसिद्ध वकील थे.
#WATCH Delhi: Justice Sharad Arvind Bobde takes oath as the 47th Chief Justice of India. He succeeds Justice Ranjan Gogoi. pic.twitter.com/Spb5Eys5KS
— ANI (@ANI) November 18, 2019
करियर
1978 में बोबडे को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र के लिए नामांकित किया गया और उसके बाद 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में चयनित हुए. जज के रूप में 29 मार्च 2000 को उनका करियर शुरू हुआ, उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया. फिर 16 अक्टूबर 2012 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में काम किया और 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में बोबडे को पदोन्नती मिली. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद सीनियरिटी के हिसाब से उन्हें आखिरकार 18 नवंबर को देश के 47वें CJI पद की शपथ दिलाई गई.
अयोध्या फैसले में अहम भूमिका
63 वर्षीय बोबडे ने कई एतिहासिक फैसलों में भूमिका अदा की हैं, उनमें से एक अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुनवाई भी शामिल है. 5 जजों के बनाए गए पैनल में एक जज के तौर पर बोबडे भी शामिल थे. जस्टिस बोबडे को CJI पद पर नियुक्त करने के उपरांत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद विधि मंत्रालय ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका के शीर्ष पद पर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की.