17 फरवरी को JVM का BJP में विलय तय, बाबूलाल मरांडी बोले 'भाजपा मेरा पुराना घर'

झारखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद भाजपा ने नये सिरे से राज्य में विस्तार करने की योजना बनाई है. इसके अंतर्गत अपने पूर्व वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी को भाजपा वापस अपने साथ लाने में कामयाब हो गयी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 12, 2020, 04:02 PM IST
    • JVM के विलय का BJP में विलय तय
    • मरांडी बोले 'भाजपा मेरा पुराना घर'
    • भाजपा की रीति-नीति से परिचित हूं- मरांडी
17 फरवरी को JVM का BJP में विलय तय, बाबूलाल मरांडी बोले 'भाजपा मेरा पुराना घर'

रांची: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी झाविमो का 17 फरवरी को भाजपा में विलय होगा.13 साल पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर अपनी नई पार्टी बना ली थी. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा को बाबूलाल मरांडी की कमी खली थी. करारी हार मिलने के बाद भाजपा ने नये सिरे से राज्य में विस्तार करने की योजना बनाई है. इसके अंतर्गत अपने पूर्व वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी को भाजपा वापस अपने साथ लाने में कामयाब हो गयी है. इससे भाजपा को झारखंड में बहुत लाभ होगा.

भाजपा मेरा पुराना घर: बाबूलाल मरांडी

झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा मेरा पुराना घर है और मैं किसी दूसरे के घर में नहीं गया था, अपना नया घर बनाया था. अब मैं फिर से अपने पुराने घर में जा रहा हूं. बाबूलाल ने कहा, 'भाजपा में किसी पद के लिए नहीं जा रहे हैं. पार्टी ने निर्णय लिया इसलिए जा रहे है. अपनी ही पार्टी में जा रहे है, अब हमारा कुनबा बड़ा होगा.' 

बाबूलाल मरांडी का राजनीतिक करियर

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आरएसएस के पूर्व नेता हैं. 2006 में बीजेपी से अलग होकर उन्होंने नई पार्टी बना ली थी. हालांकि उनकी पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और लगातार गिरता गया. 2009, 2014 और 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी को 11, आठ और तीन सीटों पर ही जीत मिली. आपको बता दें कि बाबूलाल मरांडी का झारखंड राज्य के निर्माण में बहुत योगदान रहा था. वे पहली भाजपा सरकार के मुखिया भी थे और अटल- आडवाणी के साथ काम भी कर चुके हैं.

भाजपा की रीति-नीति से परिचित हूं- मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैं प्रारंभ से भाजपा में रहा हूं और भाजपा की रीति-नीति से परिचित हूं. वहां के लोग मेरे मित्र हैं. भाजपा की विचारधारा देशहित में है. ऐसे में वहां पर स्वाभाविक रूप से मैं बढ़िया काम कर सकता हूं. लोग कहते हैं कि कांग्रेस में विलय क्यों नहीं किया जब दो विधायक चाहते थे, मेरा मानना है कि कांग्रेस परिवारवादी पार्टी है और भाजपा हमेशा से राष्ट्रहित और जनहित की बात करती है. 

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