नई दिल्लीः विज्ञान व अंतरिक्ष में सिक्का जमाने के साथ भारत सैन्य ताकत में भी खुद को मजबूत बनाता जा रहा है. लगातार हो रहे अनुसंधानों और नए परीक्षणों के क्रम में भारत ने शुक्रवार को बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. विशाखापट्टनम के तट से 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल को पनडुब्बी से लॉन्च किया गया. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है. यह मिसाइल परमाणु हमला करने में सक्षम है. 6 दिनों के अंदर दूसरी बार इसका परीक्षण किया गया है.
India carries out second successful test of K-4 ballistic missile in last six days
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— ANI Digital (@ani_digital) January 24, 2020
इससे पहले रविवार को आंध्र प्रदेश के तट से K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. इस मिसाइल को भारतीय नौसेना के स्वदेशी आईएनएस अरिहंत-श्रेणी के परमाणु-संचालित पनडुब्बियों पर तैनात किया जाएगा. यह मिसाइल कई तरह की खास तकनीक से लैस है. इसकी क्षमता के अनुसार यह 200 किलो वजनी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और दुश्मन के रडार को भी चकमा दे पाने में खास है. परीक्षण के अनुसार यह तय है कि इसे पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है.
रविवार को भी हुआ था परीक्षण
भारत ने रविवार को भी परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. आंध्र प्रदेश के तट से 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली के-4 बैलिस्टिक मिसाइल से नौसेना की ताकत बढ़ेगी. जिस मिसाइल का परीक्षण हुआ था उसे नौसेना की स्वदेशी आईएनएस अरिहंत-श्रेणी की परमाणु-संचालित पनडुब्बी पर तैनात किया जाना है.
के-4 पानी के नीचे चलने वाली उन दो स्वदेशी मिसाइल में से एक है, जिन्हें समुद्री ताकत बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है. ऐसी ही अन्य पनडुब्बी बीओ-5 है, जो 700 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर मौजूद अपने लक्ष्य पर हमला सकती है.
यह है बैलिस्टिक मिसाइल
ब किसी मिसाइल के साथ दिशा बताने वाला यंत्र लगा दिया जाता है, तो वह बैलिस्टिक मिसाइल बन जाती है. इस मिसाइल को जब अपने स्थान से छोड़ा जाता है या दागा जाता है तो यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर जाकर गिरती है. ऐसी मिसाइलों में बहुत बड़ी मात्रा में विस्फोटकों को ले जाने की क्षमता होती है. भारत के पास पृथ्वी, अग्नि, और धनुष जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं.
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