पद्मश्री मिलने के बाद छलका कश्मीर के शिल्पकार दर्द, मुझे देर से मिला सम्मान

संतूर शिल्पकार गुलाम मोहम्मद जाज ने कहा- मैं पद्मश्री पाकर बहुत खुश हूं लेकिन मुझे और अधिक खुशी होती अगर यह पुरस्कार उस समय मिलता जब मेरे दादा, मेरे पिता या मेरे चाचा जीवित होते और वे इन यंत्रों को बना रहे होते.’ 

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2023, 08:13 PM IST
  • कई पीढ़ियों से संतूर बनाने के काम में लगा परिवार.
  • 81 वर्ष के हैं संतूर शिल्पकार गुलाम मोहम्मद जाज.
पद्मश्री मिलने के बाद छलका कश्मीर के शिल्पकार दर्द, मुझे देर से मिला सम्मान

श्रीनगर. इस साल पद्म श्री सम्मान के लिए चयनित संतूर शिल्पकार गुलाम मोहम्मद जाज ने अपनी कला को पहचान मिलने ने पर बृहस्पतिवार को प्रसन्नता जताई लेकिन उन्हें कहा कि ऐसा लगता है कि यह सम्मान उन्हें देर से मिला. उन्होंने कहा, ‘मैं पद्मश्री पाकर बहुत खुश हूं लेकिन मुझे और अधिक खुशी होती अगर यह पुरस्कार उस समय मिलता जब मेरे दादा, मेरे पिता या मेरे चाचा जीवित होते और वे इन यंत्रों को बना रहे होते.’ 

जब तक जिंदा रहूंगा तब तक बनाता रहूंगा संतूर
जाज (81) ने अपने घर में कहा, 'मैं उनके सामने कुछ भी नहीं हूं. मैंने जो कुछ भी सीखा, उनसे सीखा.' उन्होंने कहा कि वह संतूर सहित विभिन्न संगीत वाद्ययंत्र बनाते रहेंगे जब तक उनका जीवन रहेगा.

'यह एक मर रही कला है'
उन्होंने कहा, 'इस पुरस्कार ने मेरे विश्वास को बहाल किया है कि ऐसे लोग हैं जो ऐसे काम की सराहना करते हैं. यह एक मर रही कला है. आखिरकार, किसी ने इसके लिए आवाज उठाई है..'

जाज ने कहा कि वह अपने परिवार की आठवीं पीढ़ी हैं जो तार वाले वाद्ययंत्र बना रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि यह हमारे परिवार में कैसे आया. कुछ लोग कहते हैं कि मुगल बादशाह औरंगज़ेब के शासनकाल के दौरान आया जबकि अन्य कहते हैं कि यह उन शिल्पों में से एक था जो मीर सैयद अली हमदानी (14 वीं शताब्दी के इस्लामिक उपदेशक, कवि और यात्री) के साथ कश्मीर आया.’ उन्होंने नयी पीढ़ियों द्वारा इस कला में रुचि नहीं दिखाने पर निराशा जताई लेकिन यह भी उम्मीद व्यक्त की कि कोई इसे आगे बढ़ाएगा और इसे मरने नहीं देगा.

91 लोगों को पद्मश्री
2023 के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की पूर्व संध्या को बुधवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई. राष्ट्रपति ने 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं के नाम को मंजूरी दी है. बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान शरणार्थी शिविरों में सेवा देने वाले दिलीप महालनाबिस को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. वहीं दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है.

यह भी पढ़िए: Union Budget 2023: महंगाई के चलते मध्यम वर्ग को मिल सकती है राहत, वित्त मंत्री के बयान से बढ़ी उम्मीदें

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़