नई दिल्लीः Corona संकट के दौरान कराए गए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में शामिल केरल विधानसभा के लिए गुरुवार को शपथग्रहण होना है. इस बार विधानसभा के लिए राज्य का जो मंत्रिमंडल गठित किया गया है वह चौंकाने वाला है. दरअसल, नए मंत्रिमंडल में केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. 


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शैलजा हैं अनुभवी स्वास्थ्य मंत्री
शैलजा को मंत्रिमंडल तब जगह नहीं मिली, जबकि वह बतौर स्वास्थ्य मंत्री इस क्षेत्र में कई बार केरल सरकार की पीठ थपथपाए जाने की वजह बन चुकी हैं. पिछली विजयन सरकार में उन्होंने बड़ी ही सफलता पूर्वक निपाह वायरस के हमले का सामना किया था


तो वहीं वर्तमान में 2020 से लगातार Corona के खिलाफ केरल मॉडल की जो चर्चा सुर्खियां बनीं थीं तो इसके पीछे भी शैलजा ही थीं. उन्होंने Covid-19 महामारी के खिलाफ केरल की लड़ाई के चेहरे के रूप में देखा गया था. महामारी का संकट टला नहीं है. कोरोना की दूसरी लहर कहर मचा रही है, लेकिन केरल को अब अपनी चिर-परिचित स्वास्थ्य मंत्री का साथ नहीं मिलेगा. 


इस सवाल का क्या है जवाब
हर ओर यह एक बड़ा सवाल बनकर घूम रहा है कि आखिर शैलजा की सफलता जग जाहिर है तो उन्हें मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं? वह भी ऐसे समय में जह वह इस मामले में कम से कम लंबा अनुभव रखने वाली स्वास्थ्य मंत्री बन गई हैं. के के शैलजा के मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से कई कई लोग हैरान हैं.


नए लोगों को मौके मिलेंः केके शैलजा
हालांकि इन सवालों पर सीधा कोई जवाब न देते हुए राज्य की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने मंगलवार को खुशी जताई और कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर कहा कि हर किसी को मौके मिलने चाहिए. शैलजा ने कहा, यह अच्छा है कि नया मंत्रिमंडल आ रहा है. पिछली बार पार्टी ने मुझे मंत्री बनाने का फैसला लिया था. यह मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा, लेकिन कई दूसरे लोग भी हैं.'


शैलजा कहती हैं कि महामारी में स्वास्थ्य मंत्रालय सीएम विजयन के नेतृत्व में ही काम करता था. शैलजा ने कहा, "हम लोगों ने अपनी ज़िम्मेदारी अच्छे से निभाई है. पार्टी ने मुझे मंत्री बनाने का फैसला किया और अपने दूसरे साथियों के साथ मैंने भी अच्छा काम किया. मैं बस यही कर सकती हूं."


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20 मई को होगा शपथ ग्रहण
केरल में पिनराई विजयन के नेतृत्व में माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का यहां सेंट्रल स्टेडियम में 20 मई को दिन के साढ़े तीन बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्यमंत्री समेत 21 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे.


केके शैलजा की स्वास्थ्य मामले और खासकर कोरोना से निपटने को लेकर तो तारीफ हुई है, बल्कि इस बार हुए चुनावों में जनादेश भी भारी मतों के साथ उनके पक्ष में था. Corona संकट से निपटने के दौरान ही शैलजा ने कन्नूर के मट्टनूर से अपने प्रतिद्वंद्वी को 60,000 वोटों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. 


सीएम विजयन पर परिवारवाद का आरोप
एक मीडिया बातचीत में विजयन के पुराने साथी रहे कुन्हानंदन नायर ने पिनारई विजयन के इस फैसले को सरासर गलत बताया है. उन्होंने यहां तक कहा कि विजयन जोसफ़ स्टालिन की तरह हैं. वह किसी और की राय नहीं सुनते. शैलजा को सीपीएम का व्हिप बनाया गया है. इस पद का रैंक कैबिनट मंत्री का नहीं है.


 


नायर ने कहा कि विजयन अपने दामाद को मंत्रालय में लेकर आए हैं और लोगों को ये पसंद नहीं है. ये परिवारवाद है. दरअसल विजयन की बेटी वीणा की शादी पिछले साल नायर पीए मोहम्मद रियास से हुई है. नायर का इशारा इसी ओर था. 


सियासी गली में सवाल भी, चर्चाएं भी
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा (K K Shailaja) को मंत्रिमंडल में शामिल न करने को लेकर जहां एक ओर सवाल उठ रहे हैं वहीं तई तरह की चर्चाएं भी जगह बना रही हैं. पार्टी में अंदरखाने चर्चा है कि पिनरायी विजयन (Pinarayi Vijayan) केरल (Kerala) में के के शैलजा के बढ़ते कद से घबराए हुए हैं. ऐसे में उन्हें पहले ही रास्ते से हटाने के लिए पुराने मंत्रियों को दोबारा से मंत्रिमंडल में शामिल न करने की नीति तैयार करवाई गई. जिससे शैलजा दोबारा से मंत्रिमंडल में न आ सके.


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