जानिए, आज कैसे कोरोना से जान बचाने में काम आ रही है पीएम मोदी की दूरदर्शिता

कोरोना संकट की इस घड़ी में लोगों का साथ दे रही हैं मोदी सरकार की वह योजनाएं, जो अपने अस्तित्व में आने के समय सवालों के घेरे में रहीं. मसलन जन-धन खातों को लेकर कहा गया कि लोगों के पास पैसा नहीं तो खाता खोल के क्या कराएंगे. उज्जवला योजना को भी इन्हीं सवालों से गुजरना पड़ा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 27, 2020, 04:39 PM IST
    • प्रधान मंत्री किसान सम्मान योजना की जो राशि अगले वित्त वर्ष में मिलने वाली थी उसे अप्रैल के पहले ही हफ्ते में डाल दी जाएगी. इससे 8.69 करोड़ किसानों को फायदा होगा.
    • उज्ज्वला योजना से जुड़े परिवारों को अगले तीन महीने तक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेगा. इससे तरह कोरोना संकट में 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ होगा.
जानिए, आज कैसे कोरोना से जान बचाने में काम आ रही है पीएम मोदी की दूरदर्शिता

नई दिल्लीः कोरोना के कारण देश में संकट का दौर है. पहला संकट तो है कि लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके और जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति पाई जाए, इसके लिए सरकार कदम उठा रही है. लॉकडाउन लागू किया है. इलाज और स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

दूसरा है जो कि कोरोना के कारण बनी स्थितियों से उभरा है. यानी कि आर्थिक संकट. अभी के परिदृश्य में यह संकट इसलिए बड़ा है क्योंकि लॉकडाउन की स्थिति में कई ऐसे लोग हैं जिनका रोज कमाने का साधन छिन गया है.

...इस संकट में काम आ रही हैं पहले से लागू योजनाएं
संकट की इस घड़ी में लोगों का साथ दे रही हैं मोदी सरकार की वह योजनाएं, जो अपने अस्तित्व में आने के समय सवालों के घेरे में रहीं. मसलन जन-धन खातों को लेकर कहा गया कि लोगों के पास पैसा नहीं तो खाता खोल के क्या कराएंगे. उज्जवला योजना को भी इन्हीं सवालों से गुजरना पड़ा.

लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता आज जान बचा रही है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जब गुरुवार को राहत का पिटारा खोला, तो इन्हीं योजनाओं का सहारा लिया. जो कि इन योजनाओं की सार्थकता सिद्ध कर रही हैं. सभी योजनाओं को विस्तार से सामने रखते हैं.

जनधन खाता योजनाः 20 करोड़ खाताधारक महिलाओं को 500 रुपये मिलेंगे
वित्तमंत्री सीतारमण ने राहत के लिए ऐलान करते वक्त सबसे पहले जनधन खाते का जिक्र किया. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना रही है. वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि 20 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाओं को अगले तीन महीने तक 500 रुपये महीने दिए जाएंगे,

ताकि घर की जरूरतें पूरी करने उनकी मदद हो सके. अब इस संकट में इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि सरकार को कोरोना पीड़ितों की पहचान के लिए डेटा कलेक्शन नहीं करना होगा.

ज्यादा से ज्यादा खासकर गरीब तबके के लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने के लिए यह स्कीम लाई गई थी. बड़ी संख्या में इस योजना से लोग जुड़े हैं और सरकार के पास इसका भी डेटा है कि कौन सा खाताधारक किस तबके का है.

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उज्जवला योजनाः 8 करोड़ महिलाओं को मिलेंगे सिलेंडर
गरीबों को सिलेंडर देने के लिए और ग्रामीण महिलाओं को पारंपरिक चूल्हे के धुएं से निजात दिलाने के लिए उज्जवला योजना की शुरुआत साल 2017 में हुई. सब्सिडी छोड़ने का विवाद इससे जुड़ा हुआ है. हालांकि आज कोरोना के कारण उपजे बुरे दौर में यह योजना जरूरतमंदों तक राहत पहंचाने में फायदेमंद साबित हो रही है.

वित्तमंत्री ने कहा है कि उज्ज्वला योजना से जुड़े परिवारों को अगले तीन महीने तक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेगा. इससे तरह कोरोना संकट में 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ होगा.

प्रधानमंत्री अन्त्योदय अन्न योजनाः लॉकडाउन में पेट भरेगी यह योजना
इस योजना के तहत से 80 करोड़ गरीबों को अगले 3 महीने तक 5 किलो चावल, गेहूं देने का निर्णय लिया गया है.  इसके अलावा, एक किलो दाल भी देने का नियम है. काले धन वाले लोगों को इस योजना के तहत पेनाल्टी भरने की हिदायत दी गई थी. आज के दौर में यह योजना उन लोगों को लाभान्वित करेगी, जो इस वायरस जनित संकट के कारण अपने काम से हाथ धो बैठे हैं. 

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प्रधान मंत्री किसान सम्मान योजना
यह योजना लोकसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले शुरू हुई थी. इस योजना मकसद किसानों को साल में 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद देना है. यह राशि 2000 रुपये की किश्त में साल भर दी जाती है. इसमें अभी तक पैसे डाले जाते रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन को देखते हुए प्रधान मंत्री किसान सम्मान योजना की जो राशि अगले वित्त वर्ष में मिलने वाली थी उसे अप्रैल के पहले ही हफ्ते में डाल दी जाएगी. इससे 8.69 करोड़ किसानों को फायदा होगा.

आयुष्मान योजना से हो सकता है कोरोना का उपचार
आयुष्मान योजना पर भी विचार जारी है इस योजना को भी लोकसभा चुनाव 2019 से पहले शुरू किया गया था. इसमें मुताबिक गरीब परिवार के किसी भी सदस्य के इलाज का 5 लाख रुपये तक का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी.  हालांकि इसमें कुछ हिस्सा राज्य सरकारों का भी होगा.

इस पर केंद्र सरकार विचार कर रही है कि कोरोना संक्रमण को इस योजना के दायरे में लाना चाहिए और इस पर जल्द ही कोई फैसला हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो गरीब तबके इलाज में बड़ी सहूलियत मिल जाएगी. 

 

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