नई दिल्लीः कोरोना महामारी से बचाव के लिए त्वरित प्रक्रिया के तहत लॉकडाउन बेहद जरूरी था. इसके कारण ही भारत में संक्रमण की संख्या बेहद कम है. पूरे देश में तीन मई तक का लॉकडाउन किया गया है. हालांकि इसके अपने कुछ खतरें और समस्याएं भी हैं. सबसे बड़ी चिंता दैनिक कामगारों और श्रमिकों की है. श्रम मंत्रालय की ओर से इनकी राहत के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
बंद हैं उद्योग धंधे
कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में 14 अप्रैल तक तालाबंदी थी जो तीन मई तक बढ़ा दी गई है. लॉकडाउन के चलते ज्यादातर उद्योग- धंधे बंद हैं. ऐसे में श्रमिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय श्रम मंत्री ने श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है.
केंद्रीय श्रम मंत्री ने राज्यों को लिखा पत्र
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वो लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों और मजदूरों की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नियंत्रण कक्षों के साथ समन्वय करने के लिए राज्य स्तर पर श्रम विभाग से नोडल अधिकारियों को नामित करें. इससे श्रमिकों और मजदूरों की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी.
LEM Sh. @santoshgangwar
has requested various State/UT Governments to designate a nodal officer from Labour Department to coordinate with Control Rooms set up by Union Government for addressing issues of the labour/workers in the country.#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/i6DirsJdOr— Ministry of Labour (@LabourMinistry) April 18, 2020
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केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत
केंद्रीय राज्य मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों को लिखे पत्र में कहा कि राज्यों की ओर से नामित किए गए नोडल अधिकारियों को केन्द्र की ओर से बनाए गए 20 नियंत्रण कक्षों के बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों की समस्याओं को हल करने के लिए केंद्र और राज्यों की सरकार को एक साथ आकर काम करने की जरूरत है.
20 नियंत्रण कक्ष स्थापित
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने हाल ही में कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से श्रमिकों के सामने खड़ी हुई समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य श्रम आयुक्तों की अध्यक्षता में 20 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. शुरुआती स्तर पर इन नियंत्रण कक्षों के जरिए केवल केन्द्रीय योजनाओं से जुड़ी वेतन संबंधी तथा प्रवासी श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं का समाधान ही किया जाता रहा.
राज्य नियुक्त करें अपने नोडल अधिकारी
पिछले कुछ दिनों में इन नियंत्रण कक्षों (Control rooms) को चलाए जाने के बाद, यह पाया गया कि 20 नियंत्रण कक्षों में शुक्रवार तक प्राप्त कुल 2100 शिकायतों में से 1400 विभिन्न राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों से संबंधित हैं. ऐसे में इन समस्याओं के समाधान के लिए राज्यों को अपने नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया है.
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