यवतमालः बोर्ड परीक्षाओं और नकल का चोली-दामन का साथ बना हुआ है. आलम यह है कि किसी भी राज्य की कोई भी सरकार बोर्ड परीक्षाओं में तमाम तैयारियों के बवजूद नकल पर लगाम नहीं लगा सकी है. हर साल कहीं न कहीं से परीक्षाओं में धांधली की खबर सामने आ ही जाती है. महाराष्ट्र में भी इस समय बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं.
इस बार बेखौफ नकल का मामला महाराष्ट्र से आया है. यहां यवतमाल जिले के महगांव में लोग बेखौफ छात्रों को नकल कराते देखे गए. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा माफिया किस तरह सक्रिय हैं.
दीवारों पर चढ़कर नकल कराते दिखे
यह वीडियो महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में स्थित महगांव का है. यहां एक जिला परिषद स्कूल में 10वीं की परीक्षा के दौरान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो शिक्षा व्यवस्था और नकल रोकने के इंतजामों की कलई खोल रहा है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग स्कूल की दीवार कूद कर पार कर रहे हैं और अंदर परीक्षा दे रहे छात्रों को चिट दे रहे हैं.
Men climb boundary wall of school in Yavatmal, pass chits to students during exam
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— ANI Digital (@ani_digital) March 4, 2020
बिना किसी डर के स्कूल की बाउंड्री कूद कर चिट पकड़ा रहे इन लोगों का वीडियो यह साफ बता रहा है कि लोग और व्यवस्था दोनों की शिक्षा के प्रति कितने गंभीर हैं.
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पकड़े गए हैं कई नकलची
महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं. इस दौरान बोर्ड ने नकल रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, इसके बावजूद राज्यभर में पिछले दिनों में 135 नकलची पकड़े गए हैं. बोर्ड के मुताबिक, राज्य में नकल को रोकने के लिए बड़ी संख्या में उड़नदस्ते की नियुक्ति की गई हैं. बोर्ड ने नकल रहित परीक्षा के आयोजन को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की थी.
इसके बावजूद शुरुआत में ही अब तक पुणे विभाग में 22, नागपुर में 20, औरंगाबाद में 15, कोल्हापुर में 4, अमरावती में 10, नासिक में 30, लातूर में 34 नकल के मामले सामने आए थे.
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मार्कशीट पर नहीं लिखा होगा फेल
महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में बैठने वाले दसवीं के परीक्षार्थियों के बाद अब बारहवीं के परीक्षार्थियों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है. अब बारहवीं के मार्कशीट पर फेल शब्द नहीं लिखा जाएगा, इस संबंध में राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया है.
नियमों के तहत जो विद्यार्थी पास नहीं होंगे, वे कौशल विकास से संबंधित कोर्स के लिए पात्र होंगे. साथ ही, वे पूरक परीक्षा भी दे सकते हैं. बोर्ड ने यह निर्णय विद्यार्थियों को होने वाली मानसिक पीड़ा को देखते हुए लिया है. लेकिन जिस तरीके से यहां परीक्षाओं में नकल हो रही है, क्या उद्धव सरकार इस तरीके से उन्हें पास कराएगी.