Mahindra QRFV Indian Army: भारत के निजी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ा डेवलपमेंट सामने आया है. महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स ने अपना अत्याधुनिक क्विक रिएक्शन कॉम्बैट व्हीकल (QRFV) परफॉर्म किया है, जो भारतीय सेना के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) के बख्तरबंद प्लेटफ़ॉर्म का एक बड़ा प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरा है. महिंद्रा का यह वाहन सेना की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, खासकर काउंटर-इंसर्जेंसी, सीमा गश्त और सुरक्षा एस्कॉर्ट मिशन के लिए.
दोनों ही वाहन एक जैसे परिचालन लक्ष्यों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन महिंद्रा के QRFV में इंजन कम्पार्टमेंट के बाईं ओर एयर फिल्टर को लगाया गया है, जो टाटा के संस्करण में नहीं है. यह बदलाव भारत के धूल भरे और चुनौतीपूर्ण इलाकों में इंजन दक्षता को बढ़ाने पर महिंद्रा का विशेष जोर है.
क्या है महिंद्रा QRFV की खूबियां?
महिंद्रा का QRFV एक 4x4 पहियों वाला बख्तरबंद प्लेटफॉर्म है, जो भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस इकाइयों को तेजी से गतिशीलता, मजबूत सुरक्षा और परिचालन बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करने के लिए बनाया गया है. यह विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर और चीन के साथ LAC जैसे उच्च खतरे वाले वातावरण में काम करने के लिए इंजीनियर किया गया है.
सुरक्षा और कवच
QRFV को NATO STANAG 4569 लेवल 4 ब्लॉस्ट प्रोटेक्शन मानकों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह टाटा के QRFV की तरह ही, हल के नीचे 14 किलोग्राम तक और पहियों के नीचे 21 किलोग्राम तक टीएनटी (TNT) के विस्फोट का सामना कर सकता है.
यह छोटे हथियारों की गोलीबारी और आईईडी (IEDs) से भी सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे मुश्किल क्षेत्रों में क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सुनिश्चित होती है.
उच्च गतिशीलता और मारक क्षमता
यह एक शक्तिशाली टर्बोचार्ड डीजल इंजन से लैस है, जो उच्च शक्ति-से-वजन अनुपात देता है. इससे वाहन ऊंचाई वाले क्षेत्रों और रेगिस्तानी वातावरण सहित उबड़-खाबड़ इलाकों में तेजी से काम कर सकता है.
QRFV में ड्राइवर और कमांडर सहित 12 से 14 कर्मी बैठ सकते हैं. इसमें तेजी से अंदर आने और बाहर निकलने की सुविधा है, और आपातकालीन निकास के लिए छत पर हैच भी दिए गए हैं.
एयर फिल्टर में महिंद्रा का बड़ा दांव
महिंद्रा के QRFV की एक खास और अद्वितीय विशेषता इंजन कम्पार्टमेंट के बाईं ओर एयर फिल्टर का प्लेसमेंट है. टाटा के वर्जन में यह विशेषता अनुपस्थित है. माना जाता है कि यह डिजाइन विशेष रूप से धूल भरे वातावरण में स्वच्छ हवा का सेवन सुनिश्चित करके इंजन दक्षता को बढ़ाता है. यह बदलाव उन क्षेत्रों में विश्वसनीयता बढ़ा सकता है जहां वायु की गुणवत्ता इंजन के काम पर प्रभाव डाल सकती है, जैसे थार रेगिस्तान या हिमालय की ऊंचाइयों पर.
यह डिजाइन लंबी अवधि के परिचालन के दौरान इंजन के महत्वपूर्ण घटकों पर घिसाव को कम कर सकता है, जिससे मेंटेनेंस का समय भी कम हो सकता है.
महिंद्रा पहले से ही अपनी आर्म्ड बख्तरबंद लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (ALSV) के साथ सेना में मौजूद है, जिसकी 1,300 यूनिट को विशेष बलों के लिए शामिल किया गया है. QRFV एक अधिक भारी और मजबूत मंच है, जो व्यापक परिचालन परिदृश्यों के लिए बेहतर है.
2,000 से 3,000 बख्तरबंद से लैस?
बता दें, भारतीय सेना अगले दस वर्षों में लगभग 2,000 से 3,000 आधुनिक बख्तरबंद वाहनों की आवश्यकता महसूस कर रही है. यह मांग खासकर LAC पर तेजी से तैनाती और बेहतर सुरक्षा की जरूरत के लिए है.
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