नई दिल्ली: देश के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में प्रवासी मजदूर घर जाने का इंतजार कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ इनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया था. इन ट्रेनों के माध्यम से लाखों की संख्या में मजदूरों को घर तक भेजा गया परंतु अभी बहुत बड़ी संख्या में मजदूर लॉक डाउन के कारण घर जाने से वंचित रह गए. बड़ी बात ये है कि आय के स्रोत खत्म हो जाने की वजह से ये मजदूर अनेक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं.
अगले 10 दिनों के लिये 26 सौ नई ट्रेन चलेंगी
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि भारतीय रेल और राज्य सरकारों ने मिलकर अगले 10 दिनों के लिए एक शेड्यूल बनाया है और 2600 ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसमें 36 लाख यात्री सफर कर पाएंगे. अगर किसी भी स्टेशन से ज्यादा संख्या में प्रवासी अपने घर जाना चाहेंगे तो उनके लिए भी ट्रेन सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अधिकांश ट्रेनों को उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड के लिए चलाया गया.
1 मई से शुरू हुई थीं श्रमिक ट्रेनें
Shramik Special Trains were started on 1st May. Free meals & drinking water being provided to all the passengers. Social distancing & hygiene protocols being followed in trains & stations: Vinod Kumar Yadav, Chairman, Indian Railways pic.twitter.com/SZDr1T3yrd
— ANI (@ANI) May 23, 2020
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे द्वारा एक मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई. सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. ट्रेनों और स्टेशनों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. 80% ट्रेन यात्राएं उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों द्वारा की गई हैं.
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लाखों प्रवासी भेजे गए घर
रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अब तक कुल 2600 से अधिक विशेष ट्रेनें चली हैं और 35 लाख से अधिक प्रवासियों ने इन ट्रेनों का लाभ उठाया है. उन्होंने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या अब प्रतिदिन 200 से अधिक हो गई है. बसों से 40 लाख से ज्यादा लोग यात्रा कर चुके हैं. 2 जून से रेलवे और भी स्पेशल ट्रेन चलाएगा जिसके लिए 14 लाख बुकिंग हो चुकी हैं.
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रेल मंत्रालय ने बताया था कि गृह मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) को जारी किया था. रेलवे के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने बताया कि नई एसओपी के बाद श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी.