नई दिल्ली: आज 25 फरवरी की तारीख ना सिर्फ भारत-अमेरिका के इतिहास में अहम भूमिका अदा करेगी बल्कि दुनिया के लिए एक नया वर्ल्ड ऑर्डर तय करने की ताकत रखती है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मोदी और ट्रंप की कमेस्ट्री की वजह से भारत और अमेरिका अब ग्लोबल पार्टनर बन गए हैं. यानी चाहे रक्षा हो, आतंकवाद पर प्रहार हो, स्पेस का क्षेत्र हो या फिर सुरक्षा, एनर्जी, टेक्नोलॉजी या ट्रेड हो. भारत और अमेरिका अब ग्लोबल साझेदार बन चुके हैं.
मोदी-ट्रंप का 'ग्लोबल गठबंधन'
इससे पहले की हम आपको मोदी-ट्रंप के ग्लोबल गठबंधन के बारे में बताएं, आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का SCO सम्मेलन में हुंकार से रूबरू होइये, जिसमें मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने की बात कही थी.
मुलाकात के बाद मोदी-ट्रंप का संयुक्त बयान
मोदी के इस आह्वान को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बहुत गंभीरता से लिया. ट्रंप ने मोटेरा के बाद एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिया.
दोनों देश बड़ी ट्रेड डील शुरू करने पर सहमत हुए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की आतंक के खिलाफ आतंक खिलाफ जंग तेज होगी. तो ट्रंप ने कहा कि नागरिकों को कट्टर इस्लामी आतंकवाद से बचाएंगे. पीएम मोदी ने कहा की दोनों देश बड़ी ट्रेड डील शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं तो ट्रंप ने भी कहा कीं भारत के साथ व्यापार 60% बढ़ गया है.
भारत-अमेरिका में 'ग्लोबल स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप' को आप यूं समझिए. आतंकवाद पर दोनों देशों की लड़ाई साझा होगी. संयुक्त युद्धाभ्यास की संख्या बढ़ेगी. अंतरिक्ष में भारत-अमेरिका सहयोग बढ़ाएंगे. हिंद-प्रशांत महासागर में सहयोग बढ़ेगा. व्यापार में रणनीतिक साझेदारी बढ़ेगी.
भारत-अमेरिका में 21 हजार करोड़ की डिफेंस डील पर मुहर
भारत और अमेरिका के बीच इन सौदे में अमेरिका से 24 MH60 रोमियो हेलिकॉप्टर की 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीद शामिल है. जबकि एक और डील छह AH-64E अपाचे हेलिकॉप्टर को लेकर है जिसकी कीमत 80 करोड़ डॉलर होगी.
डॉनल्ड ट्रंप ने इस दौरान कहा कि ये दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक दौरा है. हम अपने रक्षा सहयोग को 3 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. इसके तहत भारत अपाचे और MH 60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीदेगा.
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मोदी और ट्रंप का ये ग्लोबल मार्च तैयार है, जिसका हर कदम ये बता रहा है की भारत दुनिया की वो नई महाशक्ति है जिसके बिना कोई देश आगे बढ़ने के बारे में सोच भी नहीं सकता है.
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