नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने धन शोधन के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के समक्ष सोमवार को पेशी के दौरान पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा मार्च निकालने और 'सत्याग्रह' किए जाने को जांच एजेंसी पर खुलेआम दबाव डालने की कांग्रेस की 'रणनीति' करार दिया.
'लोकतंत्र नहीं गांधी परिवार को बचाना है'
भाजपा ने आरोप लगाया कि 'भ्रष्टाचार के समर्थन में किए गए इस आयोजन का उद्देश्य गांधी परिवार की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बचाना है.' भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यह भी कहा, 'कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. राहुल गांधी भी नहीं.' उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस का मार्च लोकतंत्र को नहीं गांधी परिवार को बचाना है.
'नेशनल हेराल्ड-एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' सौदे संबंधी धन शोधन के मामले में राहुल गांधी आज ईडी के समक्ष पेश हुए. इस दौरान पार्टी के कई शीर्ष नेताओं, सांसद व पदाधिकारियों ने दिल्ली में ईडी के मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला और 'सत्याग्रह' का आयोजन किया.
ईरानी ने कहा, 'एक जांच एजेंसी पर खुलेआम दबाव डालने वाली कांग्रेस की इस रणनीति को आप क्या नाम देंगे? भ्रष्टाचार के मुद्दों पर राहुल गांधी को तलब किया गया है.'
बातों-बातों में कांग्रेस और गांधी परिवार पर तंज
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को विशेष रूप से दिल्ली आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि जो खुद जमानत पर बाहर हैं, उन्होंने घोषणा की है कि 'आओ दिल्ली को घेरो, क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है.'
उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के बुलावे पर आज आज जो गतिरोध कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पैदा कर रहे हैं, मैं देश को बतलाना चाहूंगी कि यह लोकतंत्र को बचाने का प्रयास नहीं है. यह राहुल गांधी और गांधी खानदान के दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को बचाने का प्रयास है.' उन्होंने कहा, 'इस प्रकार का दबाव डालना कहां तक लोकतंत्र और संविधान का सम्मान है, इसका जवाब गांधी परिवार को देना चाहिए.'
दिल्ली के तुगलक रोड थाने पहुंची प्रियंका गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेशी पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपने नेता के समर्थन में मार्च निकाला जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया. इसके बाद प्रियंका गांधी दिल्ली के तुगलक रोड थाने पहुंची. हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. थाने में भी विरोध जारी रहा, कई नेता भजन करते दिखे.
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू
मुख्य विपक्षी दल ने यह आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी पर पार्टी के 'सत्याग्रह' को रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नयी दिल्ली इलाके में 'अघोषित आपातकाल' लगा दिया. कांग्रेस के मार्च और 'सत्याग्रह' को देखते हुए पुलिस ने '24 अकबर रोड' (कांग्रेस मुख्यालय) जाने वाले कई रास्तों पर अवरोधक लगा दिए थे और इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी थी.
राहुल गांधी एपीजे अब्दुल्ल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय तक जाने के लिए कांग्रेस मुख्यालय से पैदल निकले और इस मौके पर उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता भी थे. पुलिस ने मार्च के शुरू होने के कुछ देर बाद कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को रोक लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया.
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल को हिरासत में लेने और तुगलक रोड पुलिस स्टेशन ले जाने के बाद दिल्ली पुलिस ले गई, इसका वीडियो सामने आया है.
#WATCH | Congress leader KC Venugopal being taken away by Delhi Police after he was detained & taken to Tughlaq Road Police Station.
(Video Source: AICC) pic.twitter.com/XlCMDLZHgW
— ANI (@ANI) June 13, 2022
बता दें, राहुल गांधी गाड़ी में सवार होकर ईडी मुख्यालय पहुंचे. कांग्रेस के अनुसार, उसके संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, वरिष्ठ नेता हरीश रावत और कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. बाद में प्रियंका गांधी ने तुगलक रोड थाने पहुंचकर हिरासत में लिए गए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.
'अघोषित आपातकाल' का आरोप लगाया
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि पुलिस ने मार्च से पहले ही कांग्रेस के बहुत सारे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया था. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'दिल्ली पुलिस ने कल रात से धर-पकड़ शुरू कर दी. दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया. हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया और हमारे कई नेताओं को नजरबंद किया गया. मोदी सरकार ने नयी दिल्ली इलाके में अघोषित आपतकाल लगा दिया.'
सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी जी जान लें, सत्याग्रह को कोई नहीं रोक सकता. हम झुकने वाले नहीं हैं, हम डरने वाले नहीं है. यह सत्य के लिए लड़ाई है. यह लड़ाई जारी रहेगी.' उन्होंने सवाल किया, 'भाजपा को राहुल गांधी जी से डर क्यों लगता है? भाजपा इतना घबराई हुई क्यों है? देश के लोग बताएं कि क्या सत्य के लिए पैदल मार्च करना अपराध है?'
'आवाज उठाना अपराध है तो हम अपराधी हैं'
उन्होंने जोर देकर कहा, 'सत्य और जनता के लिए आवाज उठाना अपराध है तो हम अपराधी हैं.' एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, 'हम गिरफ्तारी देंगे. हम माफीनामा नहीं लिखेंगे जैसे आपके (भाजपा) वैचारिक पूर्वजों ने अंग्रेजों के सामने लिखा था.'
सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, 'कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता. इसलिए, 'यंग इंडियन' के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को 'नेशनल हेराल्ड' एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ का कर्ज खत्म हो सके.'
उन्होंने कहा, 'इस 90 करोड़ रुपये में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन एवं वीआरएस के लिए दिए गए तथा बाकी सरकार का बकाया, बिजली के बिल तथा भवन के लिए भुगतान हुआ. यह अपराध कैसे हो सकता है? यह तो कर्तव्य का बोध है. हमने मोदी सरकार की तरह देश की संपत्ति अपने उद्योगपति मित्रों को नहीं बेच डाली.' सुरजेवाला के अनुसार, 'नेशनल हेराल्ड' का स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास आज भी है और सारी संपत्ति हूबहू सुरक्षित है.
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