नई दिल्लीः एनसीईआरटी (NCERT) की कक्षा एक में पढ़ाई जा रही 'आम की टोकरी' शीर्षक वाली कविता पर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है. NCERT की किताब में शामिल यह कविता आम की टोकरी ले जाती बच्ची पर है. सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस कविता के शब्दों पर ऐतराज जता रहे हैं. जिससे गुरुवार को #NCERT ट्रेंड करने लगा. किताब में छपी कविता में 6 साल की बच्ची को ‘छोकरी‘ कहा गया है. यह कविता पहली कक्षा के बच्चों को पढ़ाई जा रही है. सोशल मीडिया पर एक धड़ा इस कविता को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इस कविता का समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस कविता में कुछ भी गलत नहीं है.
2006 से सिलेबस का हिस्सा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह कविता रामकृष्ण शर्मा खद्दर ने लिखी है. इसे एनसीईआरटी के कक्षा 1 के सिलेबस में रखा गया है. यह कविता कक्षा पहली के बच्चे 2006 से लगातार पढ़ रहे हैं. लेकिन बताते हैं कि आज ट्विटर पर सबसे पहले इस कविता को छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस ने ट्वीटकर आपत्ति जताई थी. इसके बाद कई यूजर्स ने भी इसे पाठ्यक्रम से हटाने को लेकर प्रतिक्रियाएं दी हैं. छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी अवनीश शरन ने इस कविता को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा है.. ये किस सड़क छाप कवि की रचना है?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर करें.
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आपत्ति क्या है लोगों को
संजीव नेवर नाम के दूसरे ट्विटर यूजर ने लिखा है क्या हम अपने बच्चों को साहित्यिक शिक्षा दे रहे हैं या डबल मीनिंग वाली कविता सिखा रहे हैं.
ये किस ‘सड़क छाप’ कवि की रचना है ?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर करें. pic.twitter.com/yhCub3AVPR
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) May 20, 2021
एक दूसरी ट्विटर यूजर ने लिखा है कि यह हिंदी एनसीआरईटी की किताब में है या किसी बॉलिवुड गाने के बोल हैं. उन्होंने छोकरी शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई. वहीं, कई यूजर का ये भी कहना है कि आप 6 साल की बच्ची को आम बेचने वाले के रूप में दिखा रहे हैं. बच्चों को ये बाल मजदूरी का पाठ पढ़ाया जा रहा है.
एक्टर आशुतोष राणा ने भी जताई आपत्ति
इस कविता पर मचे बवाल के बीच एक्टर आशुतोष राणा ने भी अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर साझा की है.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इस तरह की निम्न स्तर की रचना पाठ्यक्रम का हिस्सा कैसे बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मनुष्य की पहचान भाषा से ही होती है. राणा ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि इस पर एनसीईआरटी जरूर विचार करेगा.
समर्थन में भी कुछ लोग
ट्विटर पर जहां एक तबका कविता के शब्दों पर ऐतराज जता रहा था, वहीं कुछ यूजर ऐसे भी थे जिन्हें यह कविता मासूमियत से भरी हुई नजर आ रही थी.
Every line is fine and perfect in this poem.
Don't spread your dirty thought on the poem.
If something is abusable then its #IndianAnime . Why?
Reasons you will know search on YT.#NCERT#boycottIndianAnime pic.twitter.com/U7CCnUSmNf— Ajay (@ajayiit_r) May 20, 2021
एक ने कविता का समर्थन करते हुए लिखा, 'कविता की हर लाइन सही है. अपने गंदे विचारों को कविता में मत उतारिए.' आप जैसा सोचते हैं वैसा ही आपको नजर आता है.
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