नीट-पीजी काउंसलिंग: दिल्ली में डॉक्टरों-पुलिस के बीच झड़प, कई घायल

रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को सांकेतिक रूप से "अपने लैब कोट लौटा दिए" और सड़कों पर मार्च निकाला. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 28, 2021, 08:11 AM IST
  • कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया
  • पुलिस डॉक्टरों के आरोपों से इनकार कर रही
नीट-पीजी काउंसलिंग: दिल्ली में डॉक्टरों-पुलिस के बीच झड़प, कई घायल

नयी दिल्ली: नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया और इसी दौरान सड़कों पर पुलिस और डॉक्टरों के बीच झड़प हो गयी. दोनों पक्षों का दावा है कि उनकी ओर के कई लोग घायल हुए हैं. 

रेजिडेंट डॉक्टरों का आंदोलन तेज
रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को सांकेतिक रूप से "अपने लैब कोट लौटा दिए" और सड़कों पर मार्च निकाला. डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने से केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों - सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है.

क्या कहना है डॉक्टरों का
एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष ने दावा किया कि बड़ी संख्या में प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को विरोध स्वरूप प्रतीकात्मक तौर पर अपना एप्रन (लैब कोट) वापस कर दिया. उन्होंने कहा, "हमने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) परिसर से उच्चतम न्यायालय तक मार्च करने की भी कोशिश की, लेकिन जैसे ही इसे हमने शुरू किया, सुरक्षाकर्मियों ने हमें आगे बढ़ने से रोक दिया." मनीष ने यह भी आरोप लगाया कि कई डॉक्टरों को पुलिस ने "हिरासत में" लिया और उन्हें थाने ले जाया गया. कुछ समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया जिससे कुछ डॉक्टर घायल हो गए. 

यह भी पढ़िए- पूर्वोत्तर में मिला ओमिक्रॉन का पहला केस, रफ्तार पकड़ रहा कोरोना का नया वैरिएंट

पुलिस पर लगाए आरोप, पुलिस की सफाई
एसोसिएशन ने अपने ट्विटर हैंडल में पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई की तस्वीरें पोस्ट कीं. हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज करने या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप से इनकार किया और कहा कि 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि छह से आठ घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने आईटीओ रोड को जाम कर दिया. 

बाद में जारी आधिकारिक बयान में मध्य दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने सोमवार को कहा कि ‘बिना अनुमति के रेजिडेंट डॉक्टरों के एक समूह ने बीएसजेड मार्ग (आईटीओ से दिल्ली गेट तक का मुख्य रास्ता) को अवरूद्ध कर दिया और वहां छह घंटे से भी ज्यादा वक्त तक जाम लगा रहा.’’ बयान में उन्होंने दावा किया, ‘‘उन्होंने मुख्य सड़क पर जानबूझकर हंगामा किया और दोनों लेन जाम कर दिए जिससे आम जनता को परेशानी हुई.’’ बयान के अनुसार, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने उनसे बात की और उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया. वहीं डॉक्टरों का दावा है कि जब उन्होंने सफदरजंग अस्पताल से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के आधिकारिक आवास तक मार्च निकालने का प्रयास किया तो पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. 

यह भी पढ़िए- सीएम योगी के नाम सुसाइड नोट लिख इंजीनियर ने की खुदकुशी, दूसरे धर्म में की थी शादी

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़