Farmers Protest: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने की नए कृषि कानूनों की तारीफ

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कहना है कि नये कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता बढ़ायेंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 15, 2021, 04:12 PM IST
  • कृषि कानूनों को लेकर राजधानी दिल्ली में चल रहा है प्रदर्शन
  • कानूनों को बड़े कृषि सुधारों के तौर पर पेश कर रही है सरकार
Farmers Protest: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने की नए कृषि कानूनों की तारीफ

नई दिल्ली: हाल ही में पारित कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कई सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये कानून किसान विरोधी है लेकिन इस मुद्दे पर अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का बयान आया है. आईएमएफ का मानना है कि ‘तीनों हालिया कानून’ भारत में कृषि सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि आईएमएफ ने यह भी जोड़ा कि नई व्यवस्था को अपनाने की प्रक्रिया के दौरान प्रतिकूल प्रभाव झेलने वाले लोगों के बचाव के लिए सामाजिक सुरक्षा का प्रबंध जरूरी है.

क्या कहा आईएमएफ ने?

IMF के एक संचार निदेशक (प्रवक्ता) गेरी राइस (Gary Rice) ने कहा कि नये कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इन तीनों कानूनों में भारत में कृषि सुधारों को आगे बढ़ाये जाने का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता है.’

राइस ने कहा, ‘ये कानून किसानों को खरीदारों से प्रत्यक्ष संबंध बनाने का मौका देंगे. इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी, दक्षता बढ़ेगी, जो किसानों को अपनी उपजी की बेहतर कीमत हासिल करने में मदद करेगा और अंतत: ग्रामीण क्षेत्र की वृद्धि को बल देगा.’

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में जिन लोगों की नौकरियां जायेंगी, उनके लिये कुछ ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिये कि वे रोजगार बाजार में समायोजित हो सकें. राइस ने कहा कि निश्चित रूप से, इन सुधारों के लाभ प्रभावशीलता और उनके कार्यान्वयन के समय पर निर्भर होंगे. इसलिये सुधार के साथ इन मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.

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लंबे समय से हो रहा है विरोध

बता दें कि हाल ही में पारित इन तीनों कानूनों के विरोध में हजारों किसान दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर पिछले कई सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था समाप्त कर देंगे और किसानों को कॉरपोरेट खेती की ओर धकेल देंगे.

हालांकि सरकार इन कानूनों को बड़े कृषि सुधारों के तौर पर पेश कर रही है. फिलहाल किसानों और सरकार के बीच इसे लेकर कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी इस मसले पर एक कमेटी का गठन किया है.

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