'निर्भया' के गुनहगारों की फांसी का रास्ता साफ

16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली की सड़कों पर ऐसी चीख निकली, जिसकी आवाज की गूंज पूरे देश में आज भी सुनाई दे रही है. इस पुकार की आवाज तब ही शांत होगी जब इंसाफ मिलेगा. दिसंबर 2012 में 'निर्भया कांड' की एक ऐसी घटना घटी, जिसमें एक लड़की आत्मा के साथ-साथ अपनी जिंदगी की लड़ाई भी हार गई.  

Last Updated : Nov 5, 2019, 03:43 PM IST
    • चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है
    • 16 दिसंबर, 2012 को हुआ था 'निर्भया कांड'
'निर्भया' के गुनहगारों की फांसी का रास्ता साफ

नई दिल्ली: देश की राजधानी में आधी रात में घटी ऐसी घटना जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. दिसंबर 2012 में दिल्ली के सड़कों पर दौड़ती बस ने ना सिर्फ निर्भया की आत्मा को रौंदा अपितु देश की गरिमा पर भी सवाल खड़ा कर गया.

देश की छवि धुमिल कर चुकी यह घटना तब ही साफ होगी जब देश की बेटी निर्भया को इंसाफ मिलेगा. घटना ने हर किसी की आंखे नम कर दी लेकिन उन्हीं आंखों में इंसाफ की ज्वाला भी देखने को मिली. यही वजह है कि इतने सालों बाद भी पूरा देश निर्भया को इंसाफ दिलवाने के लिए एक साथ खड़े हैं.

क्या है पूरी घटना

निर्भया कांड को लगभग 7 साल हो चुके हैं, इस घटना में एक मां-पिता ने अपने घर की लक्ष्मी तो देश ने एक बेटी को खोया. लेकिन इस निर्मम घटना को अंजाम देने वाले आरोपी आज भी मौजूद हैं. सामूहिक दुष्कर्म में शामिल कुल 6 आरोपी राम सिंह, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और एक नाबालिक शामिल था. घटना के बाद इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. मार्च 2013 में इन आरोपियों को तिहाड़ जेल में भेज दिया गया. इस दौरान घटना के मुख्य आरोपी राम सिंह ने 11 मार्च 2013 को तिहाड़ जेल में सुसाइड कर लिया और एक आरोपी को 2015 में घटना के समय नाबालिग होने की वजह से रिहा कर दिया गया. बाकी के 4 आरोपी तिहाड़ और मंडोली जेल में बंद हैं. 

सुप्रीम कोर्ट से खत्म सभी मामले

इन आरोपियों को तिहाड़ जेल मुख्यालय ने 28 अक्टूबर को जेल के अधीक्षकों को गोपनीय रूप से चिट्ठी लिखी थी, जहां यह चारों अलग- अलग जेल में बंद हैं.

इसके तहत 29 अक्टूबर को चारों दोषियों को हिंदी और इंग्लिश में लिखित नोटिस दी गई थी. बता दें कि चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है और इनसे संबंधित कोई भी मामला सुप्रीम कोर्ट में अब लंबित नहीं है.

राष्ट्रपति से भी नहीं लगा सकते गुहार

इस नोटिस में आरोपियों को आखिरी मौका दिया गया था, जिसके अंतर्गत ये आरोपी सजा माफी को लेकर राष्ट्रपति के यहां याचिका दायर कर सकते थे. लेकिन इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया जाता है जिसकी अवधि कल समाप्त हो चुकी है. बहुत जल्द इन आरोपियों को मिली फांसी की सजा पूरी की जाएगी.

जेल से मिले सूत्रों के अनुसार सभी आरोपिेयों को नोटिस पढ़वाई गई थी और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है. लेकिन इस बीच अक्षय, विनय और पवन के वकील ए. पी. सिंह का यह बयान आया है कि इस मामले में "क्यूरेटिव पेटिसन" दायर की जाएगी. पूरे देश को इसका इंतजार है कि निर्भया कांड के आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाए ताकि फिर कोई आरोपी दोबारा किसी लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने से डरे.

फिर से एक सरकारी अधिकारी को ड्यूटी करते हुए मार दिया गया. तेलंगाना की इस घटना के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें

 

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