अब पीओके कार्यकर्ता ने करतारपुर को पाक की साजिश बताया

करतारपुर को लेकर पाकिस्तान की मंशा हमेशा शक के दायरे में रही है. पड़ोसी मुल्क पर आरोप लगते रहे हैं कि वह खलिस्तानी व चरमपंथी अलगवाद को खाद-पानी देता रहा है. अब उसकी कुछ हरकतों से लग रहा है कि करतारपुर कॉरिडोर के जरिये वह और खुले तौर पर यह काम करेगा. इस बारे में पीओके के सामाजिक कार्यकर्ता ने भी चेतावनी दी है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 23, 2019, 06:20 PM IST
    • इसी महीने खोला गया है करतारपुर कॉरिडोर
    • आशंका है कि इसके जरिये पाक, भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देगा
अब पीओके कार्यकर्ता ने करतारपुर को पाक की साजिश बताया

नई दिल्लीः करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत की आशंकाओं को लगातार बल मिल रहे हैं. इस बार यह बात खुद पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) से सामने आई है. भारत पहले से इस मामले अधिक सतर्कता बरत रहा है. पिछले दो साल में पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर जिस तरह की तेजी दिखाई है, इसे लेकर कई बार सशंकित करने वाले बादल गहराते रहे हैं. कहा जा रहा था कि कहीं पाकिस्तान, भारत में आतंकी गतिविधि को रास्ता देने के लिए कानूनी और वैध तरीके का इस्तेमाल तो नहीं करना चाहता है. 

पीओके के सामाजिक कार्यकर्ता ने चेताया
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सामाजिक कार्यकर्ता हैं अमजद मिर्जा. अमजद मिर्जा (अमजद मिर्जा) का कहना है कि करतारपुर कॉरिडोर खोलने के पीछे पाकिस्तान की एक बहुत ही शातिराना व कपटपूर्ण चाल है. उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि कश्मीर सीमा पर बुरी तरह मात खाने के बाद पाकिस्तान के आर्मी जनरल बौखला गए हैं और उन्होंने भारत में शांति और सद्भाव बिगाड़ने का दूसरा रास्ता खोज निकाला है. मिर्जा ने सवाल उठाया, पाकिस्तान ने यह फैसला अभी क्यों लिया? उन्होंने 73 साल बाद इस रुख पर इतना सरल नजरिया क्यों अपनाया?

अमजद इस बारे में खुद जवाब देते हैं कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का उनका रास्ता बंद हो चुका है. इस कारण पाकिस्तान की असली शासक उसकी आर्मी पर वहां की आवाम का भरोसा डिगने लगा. अब करतार पुर कॉरिडोर के जरिए वे खालिस्तानी कट्टरपंथियों का इस्तेमाल पंजाब में शांति और सद्भाव का माहौल बिगाड़ने के लिए करेंगे. मिर्जा अभी स्कॉटलैंड में निर्वासित जिंदगी जी रहे हैं. 

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उठाया सवाल, लद्दाख का रास्ता क्यों नहीं खोलता पाक
इस महीने करतापुर गलियारे का उद्घाटन हुआ है जिससे भारत के सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान के करतारपुर जाने का अनुमति दी गई है. इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कई बार अपनी पीठ थपथपाई है. लेकिन, मिर्जा का कहना है कि पाकिस्तान किसी के हित के बारे में नहीं सोचता है, उसके दिमाग में भारत विरोधी साजिशें चलती रहती है. मिर्जा ने कहा, अगर पाकिस्तान सरकार और आर्मी लोगों की भावना की इतनी ही कद्र करते हैं तो उन्हें लद्दाख और कश्मीर का रास्ता भी खोलना चाहिए. लेकिन, वह ऐसा कभी नहीं करेंगे क्योंकि जब सीमापार से लोग एक-दूसरे मिलेंगे तो पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट भी हो जाएंगे.

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करतारपुर के विडियो में जाहिर हो गई थी पाक की मंशा
करतारपुर के उद्घाटन के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आधिकारिक अकाउंट से एक वीडियो जारी किया गया था. यह वीडियो करतारपुर कॉरिडोर से संबंधित था और उसके खोले जाने की शुभकामनाओं के लिए बनाया गया था.

सुरीले संगीत से सजे इस विडियो ने भारत का एक पुराना जख्म कुरेद दिया था. 4 मिनट के इस वीडियो में  3ः30 मिनट पर खलिस्तानी समर्थक आतंकियों से जुड़ा पोस्टर दिखता है. इसी को पाकिस्तान की नापाक मंशा करार दिया जा रहा था. इसके साथ तभी से यह अटकलें लगाई जा रही हैं, कहीं यह रास्ता दोबारा किसी अलगाववाद के जहर को मुल्क में घुस आने की राह तो नहीं दे देगा. 

पिछले एक-डेढ़ साल में ही करतारपुर मामले में तेजी आई थी
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर 70 साल से मांग की जा रही है लेकिन पिछले एक-डेढ़ साल में इस मामले में तेजी आई है. दिसंबर 2018 में इस कॉरिडोर के निर्माण के फैसले पर मुहर लग गई. ना-ना करने वाला पाकिस्तान अचानक इसे लेकर बड़े ही सकारात्मक रुख में आ गया. यहां तक कि पाकिस्तान के विदेश में शाह मोहम्मद कुरैशी ने यह भी कह दिया था कि करतारपुर कॉरिडोर तो खुल कर रहेगा. 4 नवंबर को खुफ़िया एजेंसियों ने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में चरमपंथियों की ट्रेनिंग गतिविधियां जारी हैं. यह स्थान करतारपुर से काफी नजदीक है. 

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