भारतीय सेना में कैसे बनते हैं 'ब्लैक कमांडो'? ट्रेनिंग, सैलरी से लेकर तैनाती तक; जानें पूरी ABCD

भारतीय सुरक्षाबलों में 'ब्लैक कमांडो' नाम से जाने जाने वाले जवान देश की सबसे खतरनाक और मुश्किल चुनौतियों का सामना करते हैं. इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडो या 'ब्लैक कैट कमांडो' भी कहा जाता है, जो अपनी काली वर्दी और अदम्य साहस के लिए अलग पहचान रखते हैं.

Written by - Prashant Singh | Last Updated : Jun 16, 2025, 08:10 PM IST
  • ब्लैक कमांडो को कहा जाता है 'ब्लैक कैट कमांडो'
  • ब्लैक कमांडो की नहीं होती है कोई सीधी भर्ती
भारतीय सेना में कैसे बनते हैं 'ब्लैक कमांडो'? ट्रेनिंग, सैलरी से लेकर तैनाती तक; जानें पूरी ABCD

जब भी देश पर कोई बड़ा आतंकी खतरा आता है, तो सबसे पहले 'ब्लैक कमांडो' का नाम लिया जाता है. ये वे जांबाज हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बिना नागरिकों की सुरक्षा करते हैं. एनएसजी कमांडो, जिन्हें 'ब्लैक कैट कमांडो' भी कहते हैं, गृह मंत्रालय के तहत काम करते हैं. आइए जानते हैं कि ये एलीट कमांडो कैसे बनते हैं, इनकी ट्रेनिंग कैसी होती है और इन्हें क्या सुविधाएं मिलती हैं.

ब्लैक कमांडो की भर्ती कैसे होती है?
एनएसजी में कमांडो की सीधी भर्ती नहीं होती है. एनएसजी के कमांडो भारतीय सेना और विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों जैसे CRPF, BSF, ITBP आदि से भर्ती होते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना से करीब 53% एनएसजी कमांडो भारतीय सेना से आते हैं. वहीं, बाकी कमांडो सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और अन्य CAPFs से चुने जाते हैं.

इन्हें एनएसजी में शामिल होने के लिए स्वैच्छिक रूप से आवेदन करना पड़ता है. इसके बाद, एक कड़ी शारीरिक और मानसिक स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें उनकी फिटनेस, धीरज और मनोवैज्ञानिक दृढ़ता की जांच की जाती है.

ब्लैक कमांडो की ट्रेनिंग कैसे होती है?
एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग दुनिया के सबसे कठिन सैन्य प्रशिक्षणों में से एक है. यह बेहद कठोर और लंबे समय का होता है.

एनएसजी की शुरुआती ट्रेनिंग 14 महीने तक चलती है. यह प्रशिक्षण शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर चरम सीमा तक परखा जाता है. इस दौरान उन्हें निहत्थे युद्ध, आतंकवाद विरोधी टेक्निक, बम डिस्पोजल, बंधक रेस्क्यू ऑपरेशन, स्नाइपर, और क्लोज क्वार्टर कॉम्बैट जैसे क्षेत्रों में लड़ने के लिए तैयार किया जाता है.

ब्लैक कमांडो की तैनाती और सैलरी
एनएसजी कमांडो की तैनाती देश के भीतर महत्वपूर्ण और अति-संवेदनशील ऑपरेशन में होती है. जिसमें देश के भीतर बड़े आतंकवादी हमलों का जवाब देना और उन्हें बेअसर करना होता है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री से लेकर अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को कड़ी सुरक्षा प्रदान करना होता है. इसके इतर हवाई अड्डों, होटलों या अन्य संवेदनशील जगहों पर बंधकों को दुश्मनों से छुड़ाना होता है, 26/11 आतंकी हमले में इन्हीं कमांडो ने बड़ी भूमिका निभाई थी.

वहीं, इन कमांडो की सैलरी उनके मूल विभाग के रैंक पर निर्भर करती है. एनएसजी में तैनाती के दौरान उन्हें एक विशेष 'एनएसजी भत्ता' भी मिलता है. इन भत्तों को मिलाकर, एक एनएसजी कमांडो की कुल मासिक आय करीब 80,000 से 1,00,000+ तक हो सकती है, जो उनके रैंक और सेवा अवधि पर निर्भर करता है.

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