नई दिल्ली: भारत की फोर्स के आगे चीन बेदम नजर आ रहा है. डर के कारण नई नई साज़िशें रच रहा है. लेकिन उसे संभल जाना चाहिए, क्योंकि सर्दियों के लिए भारत ने जो तैयारी की है. वो चीन के होश उड़ाने वाली है. जमीन पर भारत ने कैसे युद्ध में अपनी 100 फीसदी जीत तय कर ली है.
LAC पर तैनात है बोफोर्स
लद्दाख में चीन की चुनौती का जवाब देने के लिए बोफोर्स तोपों की संख्या बढ़ाई गई. बोफोर्स तोपों ने कारगिल में पाकिस्तान को सबक सिखाया था. भारतीय सेना के सबसे बड़ा खिलाड़ी टी 90 भीष्म टैंक की तैनाती LAC पर हो चुकी है. युद्ध के मैदान में दुश्मन की मौत की 100 फीसदी गारंटी देने वाला हथियार भी LAC पर तैनात हो चुका है. जिसका नाम बोफोर्स है.
दुश्मन के लिए चलती-फिरती मौत, बोफोर्स चीन को मात देने के लिए तैयार है. लेह में बोफोर्स की मौजूदगी चीन के हार की गारंटी बनेगी.
बोफोर्स की ताकत देखिए
बोफोर्स की रेंज 27-30 किलोमीटर होती है. 155 mm लंबी बैरल वाली बोफोर्स एक मिनट में 10 गोले दागने की ताकत रखती है. बोफोर्स में 90 डिग्री कोण तक गोले दागने की क्षमता है और इसीलिए बोफोर्स को पहाड़ों की लड़ाई का ब्रह्मास्त्र माना जाता है.
युद्ध के मैदान में बोफोर्स कितनी घातक साबित होती है, कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान को इसका अंदाज़ा ठीक से हो चुका है. भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध में तोपखाने से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए थे. 300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चर्स ने रोज करीब 5,000 बम फायर किए थे.
पाकिस्तान ने चखा है गोले का स्वाद
कहते हैं न बिना गोली बंदूक का क्या फायदा, उसी तरह बोफोर्स तोप गोले के बिना अधूरी है. बोफोर्स के गोले का इस्तेमाल भी काफी सावधानी पूर्वक करना होता है. इनकी मारक क्षमता के आगे पाकिस्तान की हवा निकल चुकी है.
पाकिस्तान चारों खाने चित हो गया था, इसलिए अब चीन को भी खबरदार हो जाना चाहिए. क्योंकि LAC पर बोफोर्स तैनात है, पाकिस्तान इसके गोलो का स्वाद चख चुका है चीन ने हिमाकत की तो वो भी चखेगा.