यूपी में बोले ओम बिड़ला,आम सहमति से सदनों का चलना लोकतंत्र के लिये बेहतर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि इस सम्मेलन के दौरान सभी लोग इस बात पर एकमत हुए हैं कि विधानमंडलों को व्यवधानों के बिना सुचारू रूप से कार्य करना चाहिए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 18, 2020, 01:55 AM IST
    • वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत
    • ऐसी व्यवस्था हो, जिससे संसदीय गतिरोक रुके: हृदय नारायण दीक्षित
    • योगी बोले- हमें अपनी भूमिका निभानी होगी
    • आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे
 यूपी में बोले ओम बिड़ला,आम सहमति से सदनों का चलना लोकतंत्र के लिये बेहतर

लखनऊ: लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया रीजन के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन किया था. इसमें ओम बिड़ला ने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान सभी लोग इस बात पर एकमत हुए हैं कि विधानमंडलों को व्यवधानों के बिना सुचारू रूप से कार्य करना चाहिए.  इसके लिए नियम बनाए जाएं और विधानमंडलों में नियमों में एकरूपता लाने के प्रयास किए जाने चाहिए.

वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत

 

लोकसभा स्पीकर ने अपने उद्बोधन में बड़ी बात कही. बिड़ला ने कहा कि विधानमंडलों को कार्यपालिका की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सजग प्रहरी की तरह कार्य करना चाहिए. इसके लिए यह आवश्यक है कि जन प्रतिनिधियों को वित्तीय शब्दावली और बजटीय प्रक्रियाओं की बेहतर समझ हो. उन्होंने बजटीय प्रक्रिया की बारीकियों को समझने के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता को बढ़ाने के लिए अनुभवी सांसदों और पदाधिकारियों की टीम को भेजने का प्रस्ताव रखा.

ऐसी व्यवस्था हो, जिससे संसदीय गतिरोक रुके: हृदय नारायण दीक्षित

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिसमें आपसी सामंजस्य से संसदीय गतिरोध रोकने के लिए गहन विचार करना चाहिए. उत्तर प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी से सांसद हैं. पिछले साल पटना में सीपीए सम्मेलन हुआ था. पिछले दिनों महात्मा गांधी की जयंती पर 36 घंटे यूपी विधानसभा का सत्र चला.

योगी बोले- हमें अपनी भूमिका निभानी होगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है. भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है. हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी.

आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे

सीपीए में कुल 9 रीजन है. इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, कनाडा, मलयेशिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, तंजानिया और यूनाइटेड किंगडम हैं. कॉन्फ्रेंस में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, सभी विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष, सभापति, प्रमुख सचिवों के साथ आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. कॉन्फ्रेंस की एग्जिक्यूटिव कमिटी के पदेन चेयरमैन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला हैं.

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