Operation Sindoor: क्या है प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम, जिसके दम पर भारत ने आतंकियों को सुलाया मौत की नींद!

What is Precision Strike Weapon: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया. भारत ने प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम (PSWS) का उपयोग किया, जो GPS, लेजर, रडार और इन्फ्रारेड गाइडेंस से लैस है. यह सिस्टम लंबी दूरी के लक्ष्यों को सटीक निशाना बनाता है और न्यूनतम collateral damage सुनिश्चित करता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 7, 2025, 08:39 AM IST
  • GPS, लेजर, रडार और इन्फ्रारेड गाइडेंस से लैस
  • प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम ने निभाई अहम भूमिका
Operation Sindoor: क्या है प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम, जिसके दम पर भारत ने आतंकियों को सुलाया मौत की नींद!

Operation Sindoor: भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल अटैक किया. इस हमले ने पूरी दुनिया में संदेश दिया कि भारत जैसे को तैसा जवाब देना जानता है. इस हमले में आतंकी मसूद अजहर और हाफिज सईद आतंकी अड्डे भी नेस्तनाबूद हो गए. इस हमले में भारत ने प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम (PSWS) का इस्तेमाल किया. आइए, समझते हैं कि ये क्या है?

क्या है प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम? (What is Precision Strike Weapon)
प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम हथियार प्रणाली है, जो दुश्मन के अड्डों, संपत्तियों या इमारतों को टारगेट करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये हथियार प्रणाली अक्सर लंबी दूरी के लक्ष्यों को टारगेट करने के लिए एडवांस गाइडेंस टेक्नोलॉजी, सर्विलांस और लक्ष्यीकरण को जोड़ती है. ये Minimal collateral damage पर भी काम करता है. इसका मतलब है कि किसी भी एक्टिविटी के दौरान अनजाने में नुकसान को कम से कम किया जाए.

इन तकनीकों से लैस है ये हथियार प्रणाली
प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम GPS, लेजर, रडार या इन्फ्रारेड गाइडेंस से लैस होता है. इससे सटीक हमला करने की क्षमता मिलती है. यही कारण है कि ये हथियार प्रणाली दूर के लक्ष्यों को हिट करने की ताकत रखती है.

सटीक हमले और टारगेट आइडेंटिफिकेशन करने की क्षमता
प्रेसिजन स्ट्राइक वेपन सिस्टम को फाइटर जेट्स के जरिये एक विशेष दूरी से लॉन्च किया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता हो, ताकि लॉन्चर या ऑपरेटर को कोई नुकसान ना पहुंचे. यह हथियार प्रणाली खुफिया और टोही (ISR) प्रणालियों के साथ काम करती है. इसमें नई तरह की तकनीक का इस्तेमाल भी हुआ है. यह हथियार प्रणाली ड्रोन, सैटेलाइट या रडार से मिलने वाली जानकारी पर भी रिएक्ट करते हुए सटीक हमले और टारगेट आइडेंटिफिकेशन करती है. इसी वजह से दुश्मन इसके हमले से बच पाने में कामयाब नहीं हो पाता है.

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