भारत की पहली ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, क्यों कही जाती है पाकिस्तान के लिए 'डेथ फैक्ट्री'?

Ordnance Factories Day: भारत की इंडियन ऑर्डिनेंस कंपनी, जिसका वर्ष 2021 में नाम बदलकर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) कर दिया गया. जोकि भारत की सबसे भरोसेमंद कंपनियों में से एक है. भारत हर साल 18 मार्च को आयुध निर्माण दिवस मनाता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 18, 2025, 04:04 PM IST
  • अंग्रेजो ने लगाया था पहला आयुध कारखाना
  • देश की सबसे भरोसेमंद कंपनी है OFB
भारत की पहली ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, क्यों कही जाती है पाकिस्तान के लिए 'डेथ फैक्ट्री'?

Ordnance Factories Day: भारत हर साल 18 मार्च को आयुध निर्माण दिवस मनाता है. जिसके तहत, देश में अद्यौगिक उद्योगों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाता है. वहीं भारतीय आयुध फैक्ट्रीज की बात की जाय तो, इसने युद्धकाल के दौरान सुरक्षा बलों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति की, इन्होंने न केवल हथियार बनाए बल्कि देश में ही इस्पात, एल्युमिनियम, तांबा और रसायन उद्योगों की स्थापना की. आज ISRO, DRDO, BDL, BEL, BEML और SAIL जैसी देश की प्रमुख अनुसंधान संगठनों (Research Organizations) के स्थापना में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है. ऐसे में आइए जानते हैं कि देश में पहला आयुध कारखाना कब लगा? देश की सबसे बड़ी आयुध फैक्ट्री कहां पर है, और भारत आयुध निर्माण में दुनिया में कौन सा स्थान रखता है?

कोलकाता में लगा था पहला आयुध कारखाना
इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्री, भारतीय सेना और रेलवे जैसे संस्थान से भी पुराना है. वैसे तो देश में सबसे पहले वर्ष 1712 में इचापुर में डच ओस्टेंड कंपनी ने एक गन पाउडर फैक्ट्री लगाई थी. जिसके बाद देश में ब्रिटिश शासन के दौरान कई कारखाने लगाए गए. जहां तक, बात देश के सबसे पहले आयुध कारखाने की है, तो यह अंग्रेजो ने कोलकाता के कोस्सीपोर में एक गन कैरिज एजेंसी की स्थापना की. इसी फैक्ट्री में 18 मार्च, वर्ष 1802 को देश का पहला आयुध उत्पादन शुरू हुआ.

देश का सबसे बड़ा आयुध कारखाना?
भारत में तो ऐसे 41 आयुध कारखाने हैं, लेकिन कुछ कारखानों को हथियार उत्पादन और अन्य मामलों में, देश के सबसे बड़े आयुध कारखाने का तमगा हासिल है. ऐसे में जबलपुर की खमरिया ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, कानपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और मेदक की फैक्ट्री सबसे बड़ी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में से एक है.

ऐसे सबसे ज्यादा हथियार बनाने की बात की जाय तो, देश में जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में सबसे अधिक हथियार बनाए जाते हैं. यहां 115 एमएम धनुष तोप, असॉल्ट राइफल और सेना के लिए लड़ाकू विमान बनाए जाते हैं. साथ ही, भारतीय सेना के लिए अलग-अलग प्रकार के हथियार और गोला बारूद भी बनाए जाते हैं.

जबलपुर में 4 अलग-अलग तरह की फैक्ट्रियां हैं. ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया, गन कैरिज फैक्ट्री, व्हीकल फैक्ट्री और ग्रे आयरन फाउंड्री शामिल हैं. यही कारण है कि जबलपुर को मध्यप्रदेश का ‘रक्षा शहर’ भी कहा जाता है.

आयुध निर्माण में भारत का स्थान 37वां स्थान
स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की मानें तो, भारत आयुध निर्माण के मामले में दुनिया के 100 प्रमुख देशों में से एक है. जिसमें भारत की इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का स्थान 37वां है. जिसका वर्ष 2021 में नाम बदलकर ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) कर दिया गया था.

वर्तमान में इंडिया 30 से अधिक देशों को आयुध उत्पादों का निर्यात करता है, जिनमें श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, वियतनाम, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं.

देश की सबसे भरोसेमंद कंपनी ‘आयुध बोर्ड’
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, भारतीय आयुध फैक्ट्री बोर्ड देश की सबसे भरोसेमंद कंपनी है. जिसकी बहादुरी के किस्से इतिहास में दर्ज है. चाहे वह इंडिया-पाकिस्तान वॉर, कारगिल वॉर रहा हो या बांग्लादेश लिब्रेशन वॉर, OFB हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है. हर युद्ध में भारत की इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने, देश की सेना के लिए एक से बढ़कर एक हथियार और रक्षा उपकरण बनाएं. जिससे पाकिस्तान जैसे देश को चुटकियों में घूटना टेकने पर मजबूर कर दिया.

16 दिसंबर, 1971 का वो किस्सा किसे याद नहीं, जब पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक, आत्मसमर्पण कर दिया था, और बांग्लादेश का जन्म हुआ था.

इतना ही नहीं, इसने कोरोना काल में मेडिकल मास्क, कवरॉल, सैनिटाइजर, मेडिकल टेंट आदि का भी भारी मात्रा में प्रोडक्शन किया था, भले ही, इन प्रोडक्ट्स का आज तक आयुध फैक्ट्रीज में कभी भी निर्माण नहीं हुआ हो.

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