Indian Army protected golden temple: पाकिस्तानी आर्मी ने आतंकियों को बचाने की पूरजोर कोशिश की. इसके लिए न केवल भारत पर नापाक हमले की कोशिश की, बल्कि देशभर में साइकोलॉजिकल वार छेड़ने की साजिश रची. दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने हमले की नापाक कोशिश की. जबकि भारत की स्ट्राइक आतंकियों के खिलाफ थी. इस बीच पाकिस्तानी सेना ने न केवल रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, बल्कि स्वर्ण मंदिर पर अटैक की प्लानिंग बनाई. हालांकि, भारतीय सेना पहले से ही मुस्तैद थी. आइए जानते हैं इंडियन आर्मी ने Golden Temple पर अटैक की कोशिश को कैसे नाकाम किया.
पाकिस्तानी सेना ने पहले झूठ परोसा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने सबसे पहले झूठ परोसा. अपने बयान में बताया कि भारत ने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया. वहीं, पाकिस्तानी मीडिया ने भी दावा किया कि भारत ने ननकाना साहिब और बिलाल मस्जिद, मुजफ्फराबाद जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, जिसे भारत ने सिरे से खारिज किया. मिसरी ने साफ कहा कि भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित था. कोई नागरिक या धार्मिक ढांचा इसका हिस्सा नहीं था. जबकि पाकिस्तानी सेना ने भारत में धार्मिक स्थलों, स्कूलों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया.
पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर को बनाया निशाना
8 मई 2025 की सुबह पाकिस्तान ने अमृतसर स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाकर एक ‘साइकोलॉजिकल वॉर’ छेड़ने की कोशिश की. पाकिस्तान ने ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया, लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी से एक भी गोली स्वर्ण मंदिर तक नहीं पहुंच सकी.
भारतीय सेना के 15 इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया कि पाकिस्तान का इरादा प्रतीकात्मक और मानसिक चोट पहुंचाने का था. ‘हमें पहले से आशंका थी कि पाकिस्तानी सेना सैन्य ठिकानों के बजाय धार्मिक स्थलों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना सकती है, जिसमें स्वर्ण मंदिर सबसे प्रमुख था.’
कैसे नाकाम हुआ हमला?
भारतीय सेना ने पहले ही अमृतसर और पंजाब क्षेत्र में एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया था. स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली और L-70 एयर डिफेंस गनों ने सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. हमले के बाद सेना ने बाकायदा एक डेमोंस्ट्रेशन किया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे सभी लक्ष्यों को ट्रैक कर उन्हें सटीकता से रोका गया. यह सुरक्षा कवच पूरे पंजाब क्षेत्र में फैलाया गया था.
धार्मिक स्थलों को क्यों बना रहा था निशाना?
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पाकिस्तान ने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश की थी. मिसरी ने कहा- ‘गुरुद्वारों, चर्चों और मंदिरों पर जानबूझकर हमले किए गए ताकि देश में धार्मिक विभाजन हो और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया जा सके’.
पाकिस्तान की तोपों और मोर्टार ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक गुरुद्वारे को भी निशाना बनाया, जिसमें 3 सिख श्रद्धालु मारे गए. एक अन्य हमले में क्राइस्ट स्कूल, पुंछ के पास गोला गिरा, जिसमें 2 छात्र मारे गए और उनके माता-पिता घायल हो गए. एक कैथोलिक कॉन्वेंट को भी नुकसान पहुंचा.
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