पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. भारत ने 1960 की वर्ल्ड बैंक-मध्यस्थता वाली इंडस वाटर ट्रीटी को सस्पेंड कर दिया है, साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर से होने वाला करोड़ों का व्यापार भी ठप कर दिया गया है. दवाओं और फार्मा सामग्री की आपूर्ति भी रोक दी गई है, जिससे पाकिस्तान में स्वास्थ्य और कृषि संकट गहरा गया है. पाकिस्तान अब वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश में जुटा है. भारतीय कदमों से पाकिस्तानी किसान भूखमरी के डर से सहमे हुए हैं.
भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी किया है सस्पेंड
पहलगाम हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी को सस्पेंड कर दिया. 1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से हुई इस संधि के तहत पाकिस्तान की 80% खेती को पानी मिलता है. अब इस सप्लाई पर संकट गहरा गया है.
भारत ने साफ किया है कि यह सस्पेंशन तब तक रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को खुलकर त्यागने का भरोसा नहीं देता. इस कदम ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है और पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है.
बॉर्डर से होने वाले करोड़ों का व्यापार ठप
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर से होने वाले करीब ₹3,886.53 करोड़ के व्यापार को भी रोक दिया है. इससे खाद्य सामग्री, औद्योगिक सामान और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति अचानक ठप हो गई है.
हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच डायरेक्ट ट्रेड पहले से ही सीमित था, फिर भी ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक लगभग 10 अरब डॉलर का सामान हर साल इनडायरेक्ट चैनलों से पाकिस्तान पहुंचता था. अब इस आपूर्ति में भी बड़ी बाधा आ गई है.
दवाओं को लेकर इमरजेंसी जैसी स्थिति
भारत से फार्मास्युटिकल रॉ मटीरियल्स, जैसे Active Pharmaceutical Ingredients (API) और एडवांस्ड थैरेप्यूटिक प्रोडक्ट्स की सप्लाई पर बैन लगने से पाकिस्तान की हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर भारी असर पड़ा है. पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारी अब आपातकालीन तैयारी कर रहे हैं.
ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (DRAP) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वे अब चीन, रूस और यूरोपीय देशों से वैकल्पिक सप्लाई के रास्ते तलाश रहे हैं. लेकिन शॉर्ट टर्म में सप्लाई गैप भरना मुश्किल दिख रहा है.
पाक किसानों को भूखमरी की चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक, सिंध प्रांत के लतीफाबाद क्षेत्र के किसान होमला ठाकुर ने कहा कि अगर पानी बंद हो गया तो पूरा इलाका रेगिस्तान बन जाएगा. पहले से ही इंडस नदी का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है और बारिश भी कम हो रही है.
ठाकुर की चिंता केवल उसकी नहीं है. 15 से अधिक पाकिस्तानी किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने भी पानी की कमी और संभावित भूखमरी पर गहरी चिंता जताई है. किसान पहले से ही सूखे से जूझ रहे हैं और भारत के इस फैसले ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. ऐसे में, भारत के सख्त फैसले से स्पष्ट हो चुका है कि पाकिस्तान में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं.
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