नई दिल्लीः लगातार दबाव बनाए जाने के बाद पाक प्रधानमंत्री ने इमरान खान ने रविवार को करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की घोषणा की है. नौ नवंबर से यह कॉरिडोर खोले जाने के बाद दुनियाभर के सिख श्रद्धालु यहां दर्शन करने जा सकेंगे. रविवार को पाक पीएम ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी. इमरान खान ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और पाकिस्तान दुनिया भर के सिखों के लिए अपने दरवाजे खोलने के लिए तैयार है. यह कॉरिडोर नौ नवंबर को सार्वजनिक तौर पर खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुनिया के इस सबसे बड़े गुरुद्वारे में भारत और दुनिया के बाकी हिस्सों से सिख श्रद्धालु आएंगे. यह न केवल सिख समुदाय के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र बनेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा.
तीर्थयात्रियों से 20 अमेरिकी डॉलर वसूलने की मांग
गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं का ऑनलाइन पंजीकरण रविवार को शुरू नहीं किया जा सका, क्योंकि प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 अमेरिकी डॉलर वसूले जाने की पाकिस्तान की जिद सहित कई मुद्दों पर भारत के साथ अबतक सहमति नहीं बन सकी है. प्रति तीर्थयात्री 20 डॉलर वसूलने की पाक की यह जिद इसमें अड़ंगा बनी हुई है. इस मामले में भारक के अफसरों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान को तीर्थयात्रा के कुछ अनसुलझे मुद्दों पर शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर करने थे, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो सका है. इसलिए करतारपुर तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण रविवार को शुरू नहीं किया जा सका. भारत ने पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों से यह राशि वसूलने के फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था.16 अक्तूबर को लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने 20 अक्तूबर को ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होने की उम्मीद जताई थी.
इसलिए खास है करतारपुर दरबार साहिब
भारतीय सीमा से महज तीन किलोमीटर दूर पाकिस्तान के नारोवाल जिले में करतारपुर दरबार साहिब स्थित है. यह स्थान सिख धर्म के संस्थापक व प्रथम गुरु नानक देव से संबंधित हैं. यहां उनका निवास स्थान था. पिछले कई सालों से सिख श्रद्धालु भारतीय सीमा से दूरबीन के जरिये इस पवित्र स्थल के दर्शन कर रहे हैं. भारतीय फौज ने यहां दर्शन स्थल बनाया हुआ है. पिछले कई सालों से बिना विजा के करतारपुर साहिब के दर्शन की मांग की जा रही है.