India press briefing on Pakistan: भारत ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसका लंबे समय से जो रुख है, वह सब जानते हैं. केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित सभी मामलों को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से, बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के ही हल किया जाना सही है. भारत की तरफ से यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रविवार को कश्मीर विवाद पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश के बाद आया है.
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को कहा, 'हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा. यह नीति नहीं बदली है.'
जायसवाल ने यह भी दोहराया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा जो 'लंबित मामला' है, वो ये है कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना होगा. मामले में अमेरिका की कोई भी मध्यस्थता का सवाल नहीं उठता.
चार दिनों तक चली सैन्य झड़पों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनने के बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'मैं आप दोनों के साथ मिलकर यह देखूंगा कि 'हजार साल' के बाद कश्मीर के मामले में कोई समाधान निकल सकता है या नहीं. ईश्वर भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को उनके अच्छे काम के लिए आशीर्वाद दें!!'
बता दें कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है, जिसका भारत लगातार विरोध करता रहा है. पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने के ट्रंप के प्रस्ताव का स्वागत किया है.