सिंधु जल संधि: जब बातचीत से हल निकालना था तो क्यों दी भारत को चुनौती? अकड़ ढीली हुई तो पाकिस्तान ने मांगा पानी, लिखा पत्र

India paused 1960 treaty: पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर घातक हमला किये जाने के बाद भारत ने विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : May 14, 2025, 06:28 PM IST
सिंधु जल संधि: जब बातचीत से हल निकालना था तो क्यों दी भारत को चुनौती? अकड़ ढीली हुई तो पाकिस्तान ने मांगा पानी, लिखा पत्र

Indus Waters Treaty:  जब बातचीत या पत्र लिखकर ही गुजारिश करनी थी तो भारत के आतंकवाद पर हमला करने के बाद क्यों पाकिस्तान ने इसे खुद पर हुआ हमला मान लिया? भारत ने कहा कि हमने तो आतंकवाद पर हमला किया था, लेकिन पड़ोसी देश ने इसे अपने ऊपर ले लिया. ऐसे में पाकिस्तान पर भारत ने जो ऑपरेशन चलाया और फिर जो पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई पर एक्शन लिया, उससे दुश्मन देश को भारी नुकसान पहुंचा और फिर खुद उसने ही सीजफायर के लिए भारत में फोन मिलाया.

जहां अब सीमापार फायरिंग को रुक गई, लेकिन भारत ने पानी रोकने का अपना फैसला वापस नहीं लिया था, जिसपर अब पाकिस्तान गिड़गिड़ा रहा है.

पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. यह संधि परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच जल-बंटवारे से जुड़ा एक अहम समझौता है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

भारत ने 1960 की संधि को स्थगित कर दिया था, जिसकी मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी. ऐसा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर किए गए घातक हमले के बाद हुआ. सरकार ने तब तक संधि को स्थगित रखने का फैसला किया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता.

सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय को लिखे पत्र में पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने कहा कि समझौते को रोकने के फैसले से देश में संकट पैदा होगा.

इस संधि के तहत पूर्वी नदियों- सतलुज, ब्यास और रावी का पानी भारत को तो पश्चिमी नदियों- सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को जाता है.

सरकार ने सिंधु नदी के पानी को पाकिस्तान तक पहुंचने से रोकने के लिए तीन मोर्चों- शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म के तहत योजनाएं बनाने की घोषणा की है. जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की जाएगी कि पानी की एक भी बूंद बर्बाद न हो.

भारत ने मंगलवार को कहा कि वह सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को बड़े बदलाव के तहत त्याग नहीं देता.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक ब्रीफिंग में कहा, 'सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट है. हालांकि, पाकिस्तान ने दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है.'

जायसवाल की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध विराम पर सहमत होने के कुछ दिनों बाद आई है.

आतंकी हमले ने खराब किए रिश्ते
भारत ने पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के जवाब में पहली बार पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है. हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे. संधि को रोकने का निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा लिया गया था.

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर का संचालन करने के बाद पहली बार राष्ट्र के नाम अपने पहले टेलीविजन संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल संधि पर नई दिल्ली के दृढ़ रुख को दोहराया. यह घोषणा की किपानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.

प्रधानमंत्री ने कहा था, 'आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते. आतंक और व्यापार एक साथ नहीं हो सकते. पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.' प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र संभव वार्ता आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी पर होगी.

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