नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आ रहे हैं. जिंगनिंग के इस दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. खासकर पाकिस्तान इस होने वाले मुलाकात से सदमे में है. तमिलनाडु के महाबलीपुरम में आज एशिया के दो महाबली मिलने जा रहे हैं. पीएम मोदी और जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता का कार्यक्रम कुछ इस तरह से है.
1). चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचेंगे, उसके बाद शाम 4 बजे जिनपिंग महाबलीपुरम के लिए रवाना होंगे और फिर शाम 5 बजे पीएम मोदी और शी जिनपिंग अर्जुन तपस्थली, पंच रथ और शोर मंदिर का दौरा करेंगे. इसके बाद शाम पौने सात बजे के करीब पीएम मोदी राष्ट्रपति जिनपिंग को डिनर देंगे. जिनपिंग के लिए मंदिर के तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में तमिल डांस की तैयारी की गई है.
2). तमिलनाडु के महाबलीपुरम में आज दो बाहुबलियों का मिलन होगा. इस भव्य कार्यक्रम को लेकर शहर को खास अंदाज में सजाया गया है. तमिलनाडु के बागवानी विभाग ने पंच रथ के दरवाजे को बहुत सुंदर तरीके से सजाया है. दोपहर बाद प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग यहां आएंगे. इस सजावट के लिए 18 तरह की सब्जियों और फलों का इस्तेमाल किया गया है. इन फल और सब्जियों को देश के अलग अलग राज्यों से मंगवाया गया है. दरवाजा बहुत ही रंग बिरंगा दिख रहा है.
3). तमिलनाडु के महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग की बैठक को सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. इंडियन नेवी ने सुरक्षा के लिए युद्धपोत तैनात किए हैं. किसी भी तरह के समुद्री खतरे से निपटने के लिए तट से कुछ दूरी पर नौसेना के युद्धपोत को तैनात किया गया है. दोनों नेताओं की इस अनौपचारिक शिखर वार्ता के मद्देनजर पूरे शहर में जल, थल और आकाश में चारों ओर सुरक्षाबल तैनात किया गया है.
4). चीनी राष्ट्रपति और पीएम मोदी की भारत में मुलाकात के लिए महाबलीपुरम को ही क्यों चुना गया. ये सवाल सबके दिल में उठ रहा है. दरअसल, दक्षिण भारत के इस प्राचीन शहर का चीन से पुराना रिश्ता है, इसलिए चीन ने खुद इस जगह के लिए अपनी हामी भरी है. महाबलीपुरम का चीन के साथ करीब 2000 साल पुराना रिश्ता है. चीन का इस जगह से पौराणिक रिश्ता भी है.
5). पीएम मोदी और शी जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात में पहली बार दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद पर बात होगी. अभी तक चीन आतंकवाद पर प्रभावी चर्चा करने से बचता आया था, लेकिन भारत चाहता है कि आतंकवाद की समस्या को ज्यादा महत्व दिया जाए.
6). शी जिनपिंग के भरत दौरे से पहले चीनी मीडिया ने भारत की तारीफों के पुल बांधे हैं. चीनी मीडिया ने कहा है कि भारत-चीन सहयोग के बिना 21वीं सदी एशिया की नहीं होगी. चीनी मीडिया ने भारत और चीन की दोस्ती का भी समर्थन किया है. चीनी अखबारों ने लिखा है कि अगर भारत-चीन एक साथ बोलेंगे तो दुनिया सुनेगी. मीडिया का कहना है कि भारत और चीन दुनिया में बड़ी भूमिका निभा सकते है. भारतीय मीडिया में भी चीन के राष्ट्रपति के दौरे का ही जिक्र है.
7). महाबलीपुरम में चीन के राष्ट्पति और पीएम मोदी के महामिलन की तैयारियां पूरी हो गई हैं. मुलाकात से पहले चीन ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं हैं. दोनों एशियाई देशों के बीच सहयोग से देश में शांति और स्थिरता आएगी. चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने समाचार एजेंसी से कहा कि इस दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर काम होगा.
8). मोदी और चीन के राष्ट्रपति की मुलाकात में कारोबार की भी बात होगी. भारत और चीन के बीच 6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है. जिसमें भारत 4 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का आयात और 1.11 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करता है. साल 2014 से अब तक दोनों देशों के बीच कारोबार में 38 फीसदी इजाफा हुआ है. भारत में 60 फीसदी स्मार्ट फोन, 50 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक सामान और 80 फीसदी खिलौने चीन की कंपनियों के ही बने प्रयोग में आते हैं.
9). चीन के साथ भारत के व्यापारिक संबंध काफी पुराने हैं, लेकिन इन दिनों कई उत्पादों के निर्यात और आयात पर रोक लगी हुई है. दोनों वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात से एक दिन पहले दोनों देशों की कंपनियों के बीच 129 अहम समझौतों पर करार हुए हैं. दोनों देशों की कंपनियों ने एग्री, मिनरल, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग सेक्टरों में समझौता किया है. इस करार के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने ट्रेड और निवेश बढ़ाने पर जोर दिया. दोनों देशों का एक दूसरे के साथ निवेश में इजाफा हुआ है.
10). चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर कश्मीर राग अलापा. इमरान ने कहा कि हांगकांग के विरोध प्रदर्शनों को हेडलाइन बनाने वाला अंतरराष्ट्रीय मीडिया कश्मीर जैसे गंभीर संकट को नजरअंदाज कर रहा है. इसके अलवा इमरान ने कश्मीर मसले का हल एक बार फिर UN चार्टर के मुताबिक निकालने की वकालत की. इमरान खान का ये दर्द उस समय छलका है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज से भारत के दौरे पर पहुंच रहे हैं.