नई दिल्ली: एक तरफ वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का मामला गर्मा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ अब ताजमहल को लेकर बहस तेज हो चुकी है कि ये मकबरा है या फिर मंदिर? ताजमहल को लेकर दायर की गई याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई होगी. याचिका पर 10 मई को सुनवाई नहीं हो पाई थी. वहीं अब सांसद दीया कुमारी ने दावा किया है कि ताजमहल जयपुर राजपरिवार की जमीन पर बना हुआ है.
इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच में सुनवाई
क्या ताजमहल तेजो महालय है? क्या ताजमहल मकबरा नहीं बल्कि शिव मंदिर है? क्या ताजमहल के तहखाने के 22 कमरों में छिपा है राज? ये सवाल फिर पूछे जाने लगे हैं, क्योंकि इसी बात का दावा करते हुए एक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई की जानी है.
अयोध्या के बीजेपी नेता रजनीश सिंह की तरफ से दायर याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि-
- ASI ताजमहल परिसर के अंदर 20 से ज्यादा कमरों के दरवाजों को खोले
- सरकार एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन करे
- ताजमहल के अंदर छिपी मूर्ति और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने के निर्देश दिये जाएं
बंद कमरों में शिव मंदिर होने का दावा
याचिका में तर्क दिया गया है कि 'ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता है. याचिका में दलील दी गई है कि कई इतिहासकार भी इस बात का समर्थन करते हैं. याचिका में कहा गया है कि चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं, जो अस्थाई तौर पर बंद हैं, दावा किया जा रहा है कि इन कमरों में भगवान शिव का मंदिर है.'
ताजमहल पर जारी बहस के बीच एक नया दावा भी सामने आया है. राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने दावा किया है कि ताजमहल जयपुर राजपरिवार की जमीन पर बना हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया है कि शाहजहां ने जयपुर राजघराने की जमीन पर कब्जा किया था.
बंद कमरों की वीडियोग्राफी करवाने की भी मांग
ताजमहल के बंद 22 कमरे खोले जाने, वीडियोग्राफी कराए जाने और कमेटी बनाकर हिंदू देवताओं से संबंधित साक्ष्यों की जांच करने के लिए दायर की गई याचिका पर आज कोर्ट में क्या सुनवाई होती है, इसपर सभी की निगाहें टिकी हैं. ताजमहल विवाद पर सियासत भी तेज हो गई है. महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि इस तरह के विवाद खड़े कर मुसलमानों को डराने की साजिश की जा रही है.
ताजमहल को लेकर विवाद नया नहीं है. इससे पहले 1965 में इतिहासकार पीएन ओक ने ताजमहल के मंदिर होने का दावा किया था. वहीं 2015 में आगरा के सिविल कोर्ट में ताजमहल को तेजोमहालय घोषित करने की याचिका दायर हुई थी. 2017 में बीजेपी सांसद विनय कटियार ने सीएम योगी से ताजमहल को तेजोमहल घोषित करने की मांग की थी.
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