कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सियासी हलचल हर समय चरम पर रहती है. कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच टकराव की वजह से बंगाल चर्चाओं में रहता है तो कभी सियासी हिंसा और उग्रवाद के कारण पश्चिम बंगाल की सरकार और राजनीति सुर्खियों में आ जाती है. इस बार बंगाल भाजपा के बड़े नेता मुकुल रॉय की वजह से सियासी हलचल तेज है.
मुकुल रॉय को पीएम मोदी ने किया फोन
तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान में भाजपा में शामिल मुकुल रॉय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन किया और उनकी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. मोदी और रॉय के बीच दो मिनट की बातचीत ने राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया है.
अभिषेक बनर्जी भी गए थे अस्पताल
यह घटनाक्रम टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी के बुधवार शाम अचानक अस्पताल का दौरा करके मुकुल की पत्नी का हालचाल जानने के बाद सामने आया है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह करीब साढ़े दस बजे रॉय को फोन किया और उनकी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.
उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया, हालांकि मुकुल रॉय ने कहा कि यह एक शिष्टाचार कॉल थी. इससे राज्य में राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं.
क्या फिर से मुकुल रॉय पर डोरे डाल रही TMC?
पीएम मोदी की कॉल का महत्व इसलिए बढ़ गया है, क्योंकि मंगलवार की शाम को चक्रवात से प्रभावित दक्षिण 24 परगना से वापस जाते समय, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की युवा इकाई के अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी ने अपनी पार्टी के पूर्व सहयोगी मुकुल रॉय की बीमार पत्नी का हालचाल जानने के लिए निजी अस्पताल का औचक दौरा किया.
इसने भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष के अगले कदम के बारे में अटकलें तेज कर दी हैं. अस्पताल में अभिषेक बनर्जी ने रॉय के बेटे सुभ्रांशु से संक्षिप्त मुलाकात की और उनकी मां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. लेकिन इसने फिर भी 67 वर्षीय रॉय के अगले कदम के बारे में चर्चा को गर्म कर दिया है.
33 वर्षीय अभिषेक बनर्जी ने पूर्वी कोलकाता के अस्पताल में लगभग 10 मिनट बिताए, जहां मुकुल रॉय की पत्नी कोविड-19 से संक्रमित कृष्णा रॉय का इलाज चल रहा है. हालांकि युवा लोकसभा सांसद ने मीडिया से बात नहीं की, मगर अभिषेक बनर्जी की यात्रा, जो कभी तृणमूल कांग्रेस में रॉय के प्रबल विरोधी माने जाते थे, उनका अस्पताल में दौरा तृणमूल कांग्रेस के साथ रॉय के बदलते समीकरण के बारे में अटकलें लगाने के लिए पर्याप्त है.
हालांकि पार्टी ने इस तरह की सभी अटकलों को खारिज करते हुए इसे शिष्टाचार भेंट करार दिया.
बड़े बड़े नेताओं ने की मुलाकात
जैसे ही अफवाहें फैलीं, बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष भी दो घंटे बाद अस्पताल पहुंच गए. अपनी यात्रा के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह (अभिषेक बनर्जी) उन्हें (मुकुल रॉय) पहले से जानते हैं और इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वह उनकी बीमार पत्नी को देखने आए हैं. मुझे ऐसा नहीं लगता कि अनुमान लगाने के लिए कुछ भी है.
हालांकि अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त कारण नजर आ रहे हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि पिता के साथ भाजपा में शामिल हुए सुभ्रांग्शु रॉय ने हाल ही में ट्वीट किया था कि जनादेश पाकर सत्ता में आई सरकार की आलोचना करने से पहले लोगों को आत्मावलोकन करना चाहिए. ऐसा माना जा रहा है कि यह पोस्ट भाजपा पर निशाना था.
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सुभ्रांशु रॉय तृणमूल कांग्रेस से अलग होकर हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हुए थे. उनके ट्वीट के जरिए की गई टिप्पणी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पिछले साल भाजपा में शामिल हुए सुभ्रांशु रॉय ने उत्तर 24 परगना जिले के बीजपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह लेकिन हार गए. वहीं नदिया जिले की कृष्णानगर उत्तर सीट से मुकुल रॉय ने जीत हासिल की.
रॉय के साथ तृणमूल कांग्रेस के बदलते समीकरण तब स्पष्ट हुए, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी का बार-बार उल्लेख किया. यह दोनों ही नेता उनके दो भरोसेमंद नेताओं में शुमार रहे हैं. इन्होंने हालांकि भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ दी थी.
ममता के बेहद करीबी नेता माने जाते थे मुकुल रॉय
बनर्जी ने एक चुनावी रैली में कहा कि बेचारे मुकुल को नदिया जिले से मैदान में उतारा गया है, हालांकि वह उत्तर 24 परगना के रहने वाले हैं. वह शुवेंदु जितने बुरे नहीं हैं. मुकुल ने विधानसभा में पहली भाजपा विधान समिति की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था और वह उस समय नदिया में अपने गृह जिला चले गए थे.
TMC के संस्थापक सदस्य रहे हैं मुकुल रॉय
मुकुल रॉय ने हालांकि अटकलों को खत्म करने की कोशिश की और संवाददाताओं से कहा कि वह भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं.
टीएमसी के संस्थापक सदस्यों में से एक मुकुल रॉय को सितंबर 2017 में भाजपा नेताओं के साथ बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. रॉय ने अगले महीने पार्टी और राज्यसभा छोड़ दी और नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हो गए.
मुकुल रॉय बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार थे, जब भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 सीटें जीती थीं. पिछले साल सितंबर में, रॉय, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही नारद स्टिंग ऑपरेशन में आरोपी हैं, उनको भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
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