Pahalgam terror Attack: देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ी बैठक हुई है. यह वही बैठक है, जिसका पूरा देश इंतजार कर रहा था. यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुई है. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को एक हाई-लेवल सुरक्षा बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने सेना को ‘कैसे, कब और कहां’ जवाब देना है. यह तय करने की पूरी छूट दे दी. बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई, जिसमें रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए. बैठक में किन मुद्दों पर बात हुई, आइए जानते हैं.
PM आवास पर हुई बड़ी बैठक
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश में भारी रोष है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जो करीब डेढ़ घंटे चली. इस मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
इस बैठक में पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि अब समय जवाब देने का है. इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रधानमंत्री ने सेना को पूरी ऑपरेशनल छूट देते हुए कहा, ‘कैसे, कब और कहां जवाब देना है, इसका फैसला सेना खुद करे.’ यह बयान पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों के खिलाफ, भारत की आक्रामक नीति की तरफ संकेत करता है.
बैठक में कौन-कौन हुए शामिल?
यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण थी, इसका अंदाजा बैठक में शामिल लोगों से लगाया जा सकता है. जिसका सीधा मतलब है, आतंक के खिलाफ अब कुछ बड़ा होने वाला है. बता दें, बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह शामिल हुए.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मकसद आतंक के खिलाफ ठोस और प्रभावशाली रणनीति बनाना था. बैठक में पहलगाम हमले को लेकर तैयारियों का मूल्यांकन और संभावित लक्ष्य तय किए गए. ऐसे में, आतंकवाद से लड़ने के लिए अब सख्त और योजनाबद्ध कार्रवाई तय मानी जा रही है.
आतंक पर फाइनल कार्रवाई की तैयारी
भारत ने पहलगाम हमले के बाद कई कूटनीतिक फैसले पहले ही ले लिए हैं, जिनमें अटारी बॉर्डर बंद करना, सिंधु जल संधि पर रोक और पाकिस्तानी वीज़ा रद्द करना शामिल है. अब सेना को भी पूरी स्वतंत्रता दी जा चुकी है, जिससे संकेत मिलते हैं कि कार्रवाई बस शुरू ही होने वाली है.
सुरक्षा एजेंसियों ने एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी है. ड्रोन, सैटेलाइट इमेज और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस के ज़रिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के टेरर लॉन्चपैड्स पर नजर रखी जा रही है. जवाबी कार्रवाई किसी भी समय हो सकती है.
कूटनीतिक कदम भी उठा रहा भारत
जहां एक ओर सैन्य स्तर पर तैयारी हो रही है, वहीं दूसरी ओर भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी आतंक के खिलाफ मुखर है. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ‘मन की बात’ में कहा था कि आतंक के साजिशकर्ताओं को सबसे कड़ी सज़ा मिलेगी.
सरकार का फोकस अब दोतरफा है. एक ओर आतंकी ढांचे को खत्म करना, और दूसरी ओर दुनिया को पाकिस्तान का नकाब उतारन. भारत हर स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती दिखा रहा है, जिससे कूटनीतिक दबाव भी बने.
पहलगाम हमले के बाद एक्शन में मोदी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर टूरिस्ट थे. यह हमला स्पष्ट रूप से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की ओर से हुआ बताया जा रहा है.
इसके तुरंत बाद भारत सरकार ने मोर्चा संभाल लिया. 23 अप्रैल को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई कड़े फैसले लिए गए. अब पीएम की सीधी बैठक में सेना को स्वतंत्रता देना यह संकेत है कि भारत अब रुकने वाला नहीं है.
ये भी पढ़ें- ब्रिटिश सांसदों ने दी यूनुस सरकार को चेतावनी, हिंदुओं पर हमले रोके या खामियाजा भुगतने के लिए रहे तैयार!
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.