बांग्लादेश के जशोरेश्वरी मंदिर में पीएम मोदी ने क्या कहा-जानिए खास बातें

पीएम मोदी ने मंदिर में मां काली को मुकुट चढ़ाया और उनके चरणों में साड़ी भेंट की. इसके बाद उन्होंने मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, "आज मुझे 51 शक्तिपीठों में से एक मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 27, 2021, 01:59 PM IST
  • बांग्लादेश के सतखीरा में स्थित मशहूर जशोरेश्वरी काली मंदिर
  • 51 शक्तिपीठों में से एक है, यहां गिरी थी सती की हथेलियां
बांग्लादेश के जशोरेश्वरी मंदिर में पीएम मोदी ने क्या कहा-जानिए खास बातें

नई दिल्लीः पीएम मोदी (Bangladesh) के दो दिवसीय दौरे पर हैं. शनिवार को दौरे का दूसरा दिन था. इस मौके पर वह प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर गए और पूजा की. इस बार, उन्होंने कालीमाता से पूरी दुनिया को कोरोना से मुक्त करने का आग्रह किया.

बांग्लादेश के सतखीरा में स्थित मशहूर जशोरेश्वरी काली मंदिर 51 शक्तिपीठ में से एक सुगंधा शक्तिपीठ है. बताया जाता है यहां देवी सती की हथेलियां गिरी थी. ये मंदिर करीब 400 साल पुराना बताया जाता है.

पीएम मोदी ने की पूजा
पीएम मोदी ने मंदिर में मां काली को मुकुट चढ़ाया और उनके चरणों में साड़ी भेंट की. इसके बाद उन्होंने मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, "आज मुझे 51 शक्तिपीठों में से एक मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला. मेरी कोशिश रहती है कि मौका मिले तो 51 शक्तिपीठों में कभी नकभी जाकर सिर झुकाऊं.

साल 2015 में वह जब बांग्लादेश आए थे तो उन्हें मां ढाकेश्वरी मां के चरणों में शीश झुकाने का अवसर मिला था और आज मां काली के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. आज मानव जाति कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है. मां से यही प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को कोरोना के इस संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं."

भारत एक सामुदायिक हॉल का निर्माण करेगा
देवी काली के इस मंदिर में दोनों देशों के भक्त आते हैं. कालीमाता को समर्पित यहां एक यात्रा निकाली जाती है. इस शोभा यात्रा में दोनों देशों के श्रद्धालु शामिल होते हैं. मंदिर क्षेत्र में सामुदायिक हॉल की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि यह एक बहुउद्देशीय हॉल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कालीमाता की पूजा करने आने वाले भक्तों के लिए जरूरी है कि यहां सामुदायिक हॉल बने.

इस सामुदायिक हॉल से धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियां संपन्न की जाएंगीं. यह हॉल आपदाओं को भी झेल पाने में सक्षम रहेगा. इसके निर्माण में भारत मदद करेगा. इस सहयोग पर बांग्लादेश ने पीएम मोदी का आभार जताया. 

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मतुआ सामुदायिक मंदिर में कार्यक्रम
जशोरेश्वरी काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में पूजा करने के बाद, मोदी का शनिवार का कार्यक्रम ओरकंडी में मातुआ समुदाय के मंदिर जाना भी शामिल रहा. मातुआ समुदाय के संस्थापक हरिश्चंद्र ठाकुर का जन्म ओरकंडी में हुआ था. पश्चिम बंगाल में इस समय चुनाव के लिए प्रथम चरण का मतदान जारी है. बंगाल में मातुआ बड़ा समुदाय है. मातुआ फैक्टर के इस चुनाव में बड़ा असर डाले जाने की उम्मीद है.  

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