नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार भी सीमा पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने जा पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा की रक्षा में जुटी सैन्य टुकड़ियों के साथ दीवाली मनाने रजौरी पहुंचे. (सुरक्षा कारणों से अभी तक ये जानकारी पहले नहीं दी गई थी) प्रधानमंत्री अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान द्वारा लगातार सीज फायर के उल्लंघन के बीच जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सैन्य तैनाती का भी जायजा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल अपनी दिवाली देश के जांबाज जवानों के साथ ही मनाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर साल कुछ ऐसा ही करते हैं.
1. साल 2014 की दिवाली सियाचिन में
23 अक्टूबर 2014 को गुरुवार के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा था. इस दौरान पीएम मोदी दुनिया के सबसे ऊंचाई वाले जंग के मैदान सियाचिन में पहुंच चुके थे. उस समय 12,000 फुट की ऊंचाई पर मौजूद सियाचिन बेस कैम्प में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों और जवानों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी.
सियाचिन के कठिन इलाके में पहुंचकर उन्हें दिवाली की बधाई देने का साहस इससे पहले किसी और पीएम ने नहीं दिखाया था. पीएम मोदी अपने साथ खूब सारे उपहार और मिठाइयां लेकर पहुंचे थे.
जवानों से बात करते समय पीएम मोदी ने उस साल कश्मीर बाढ़ के दौरान लोगों को राहत पहुंचाने में सेना की भूमिका के लिए उनकी सराहना की. प्रधानमंत्री ने सियाचिन पहुंचने के बाद जवानों के कल्याण के लिए 5 लाख रुपये का चेक भेंट किया था.
करीब एक घंटे तक सियाचिन में जवानों के बीच वक्त बिताने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियाचिन से श्रीनगर की तरफ़ उड़ान भरी. दिवाली के दिन जम्मू-कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत शिविरों में पहुंचकर उनसे मुलाकात की और उनकी हिम्मत बढ़ाई.
2. साल 2015 की दिवाली पंजाब में
साल 2015 में दिवाली 11 नवंबर को थी. पीएम मोदी सैनिकों के साथ दिवाली मनाने के लिए पंजाब को चुना था. साल 2015 में दिवाली के दिन पीएम मोदी ने 1965 के भारत-पाक युद्ध से जुड़े तीन सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा किया.
पीएम मोदी ने अमृतसर में खासा के डोगराई युद्ध स्मारक पहुंचे थे, जहां भारतीय सैनिकों ने 22 सितंबर 1965 को जीत हासिल की थी. पीएम मोदी ने पंजाब में अमृतसर-खेम करन रोड पर वलतोहा के पास असल उत्तर स्मारक और परमवीर चक्र विजेता कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद की समाधि पर भी पुष्पचक्र अर्पित किया था. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोगराई, बरकी युद्ध स्मारकों और हलवारा एयरफोर्स स्टेशन पर भारतीय सेना और वायुसेना के अफसरों और जवानों को दिवाली की बधाई दी थी.
3. साल 2016 की दिवाली हिमाचल में
साल 2016 में दिवाली 30 अक्टूबर को थी. सबको चौंकाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर पहुंच गए. वहां उन्होंने ITBP, आर्मी और डोगरा रेजीमेंट्स के जवानों के साथ दिवाली मनाई. पीएम मोदी किन्नौर के जिस इलाके में पहुंचे थे वो जगह चीन बॉर्डर से महज 24 किमी दूर है.
पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के सुमडो में पहुंचे. वहां मौजूद ITBP, सेना और डोगरा स्काउट के जवानों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी. इसी जगह पर कुछ कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने 'संदेश टू सोल्जर्स' अभियान का नेतृत्व भी किया था.
प्रधानमंत्री सुबह साढ़े सात बजे ही दिल्ली से रवाना हो चुके थे. सुबह साढे आठ बजे के करीब वो चंडीगढ पहुंचे थे, वहां से भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर के जरिये वो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर पहुंचे थे. किन्नौर यात्रा के दौरान वो छांगो गांव में भी थोड़ी देर के लिए रुककर गांव के सभी लोगों से मुलाकात की, जिसमें युवा, महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल थे.
4. साल 2017 की दिवाली गुरेज सेक्टर में
साल 2017 में दिवाली 19 अक्टूबर को मनाई गई थी. पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर के LoC से सटे गुरेज सेक्टर में सेना के जवानों के बीच पहुंचे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने करीब दो घंटे तक जवानों के साथ बिताये और मिठाईयां खिलाकर उन्हें दिवाली की बधाई दी. उनके साथ सेना प्रमुख बिपिन रावत, उत्तरी कमान के तत्कालीन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू और 15वीं कोर के तत्कालीन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू भी मौजूद थे.
सैन्य वर्दी में, आंखों पर काला चश्मा लगाए पीएम मोदी ने नियंत्रण रेखा एलओसी के पास गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ दिवाली के दिन समय बिताकर उनका उत्साह बढ़ाया. प्रधानमंत्री, उत्तर कश्मीर के बांदीपोर जिले में श्रीनगर से लगभग 130 किलोमीटर दूर गुरेज सीमा क्षेत्र में सेना के दावर ब्रिगेड मुख्यालय पहुंचे थे. गुरेज पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के गिलगिट-बाल्तिस्तान के लिए प्रवेश द्वार है.
5. साल 2018 की दिवाली उत्तराखंड में
साल 2018 में दिवाली का त्योहार 7 नवंबर बुधवार को था. जवानों के साथ दीवाली मनाने के लिए पीएम मोदी उत्तराखंड के हर्षिल गांव पहुंचे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में दिवाली के मौके पर केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना भी की थी. जिसके बाद पीएम भारत-चीन सीमा के पास हर्षिल में आईटीबीपी यानी इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस और सेना के जवानों के संग मनाई.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भागीरथी और जालंदरी नदियों के संगम स्थल पर बस्पा घाटी के सिरे पर बसा हर्षिल इस क्षेत्र में तलहटी में बसा हिमालयी गांव है. हर्षिल 8000 फीट की उंचाई पर मौजूद है.
साल 2018 में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से दो दिन पहले मंदिर के दर्शन करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तराखंड की राज्यपाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रे सिंह रावत भी मौजूद थे. मंदिर के अंदर करीब 10-15 मिनट पूजा करने के बाद पीएम मोदी ने मंदिर की परिक्रमा की और पिछले कुछ दिनों में धाम में हुई बर्फबारी से खूबसूरत हुए नजारे का भी दीदार किया था. मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का भी प्रधानमंत्री ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया था और उन्हें दीपावली की शुभकामनायें भी दी थी.