यूपी में कांशीराम की प्रतिमा पर पॉलिटिक्स, अखिलेश ने किया अनावरण तो भड़कीं मायावती

Politics on Kanshiram: बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक रहे और यूपी में दलित राजनीति के प्रणेता कहे जाने वाले कांशीराम की प्रतिमा के अनावरण पर राजनीति भी शुरू हो गई है. अखिलेश के इस कदम की बहुजन समाज पार्टी ने आलोचना की है. पार्टी ने इसे एक फेक राजनीतिक भंगिमा बताया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 4, 2023, 04:35 PM IST
  • यूपी की राजनीति में कांशीराम पर चर्चा.
  • अखिलेश यादव ने किया मूर्ति का अनावरण.
यूपी में कांशीराम की प्रतिमा पर पॉलिटिक्स, अखिलेश ने किया अनावरण तो भड़कीं मायावती

नई दिल्ली.  यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा कांशीराम की प्रतिमा के अनावरण पर राज्य में राजनीतिक गरमागरमी देखी जा रही है. दरअसल अखिलेश यादव ने रायबरेली जिले में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया. अनावरण के बाद अखिलेश ने ट्वीट किया- 'आज मान्यवर कांशीराम जी की मूर्ति के अनावरण का परम सौभाग्य मिला. सामाजिक न्याय के आंदोलन को सामाजिक परिवर्तन के पड़ाव से आगे ले जाकर हर ग़रीब, दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक को उसके हक़ की मंज़िल तक पहुंचाना है, यही हमारा लक्ष्य है व मान्यवर कांशीराम जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि भी.'

बीएसपी ने बताया-फेक पॉलिटिक्स
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक रहे और यूपी में दलित राजनीति के प्रणेता कहे जाने वाले कांशीराम की प्रतिमा के अनावरण पर राजनीति भी शुरू हो गई है. अखिलेश के इस कदम की बहुजन समाज पार्टी ने आलोचना की है. पार्टी ने इसे एक फेक राजनीतिक भंगिमा बताया है.

मायावती ने कहा-दलितों के खिलाफ सपा का इतिहास
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा-समाजवादी पार्टी कांशीराम के नाम पर भ्रमित करने की कोशिश कर रही है. अब यही उनका नया एजेंडा है. लेकिन दलितों के खिलाफ समाजवादी पार्टी की जाति आधारित नफरती राजनीति का लंबा इतिहास है. और ये बात सभी जानते हैं. 

दलितों को बताया सबसे भरोसेमंद वोटर
मायावती ने दलितों को पार्टी का सबसे भरोसेमंद वोटर भी बताया और कहा कि पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रही है. वहीं समाजवादी पार्टी के वोटर्स पार्टी बदलते रहते हैं. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी का राज्य में उभार हुआ. मायावती ने कहा कि सपा दलितों को लेकर सीरियस नहीं है. 

'सपा ने बदले नाम'
उन्होंने कहा कि सपा ने भीमराव अंबेडकर पार्क, संत रविदास नगर, मान्यवर कांशीराम जी नगर और कांशीराम उर्दू फारसी यूनिवर्सिटी का नाम बदल दिया था. सपा के फाउंडर मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम की मृत्यु पर राज्य में राजकीय शोक भी नहीं घोषित किया था. 

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